फिरोजाबाद। फिरोजाबाद में चाय पर चर्चा में बड़ी संख्या में व्यापारी, मजदूर, और आम लोग शामिल हुए। सभी ने खुलकर फिरोजाबाद में हुए कामकाज और कमियों को लेकर बात की। कई लोगों ने सरकार के कार्यों को सराहा। लोगों ने कहा कि पहले के मुकाबले सड़कें, बिजली व्यवस्था, शिक्षा व्यवस्था, कानून व्यवस्था में सुधार आई है। वहीं, कुछ लोगों ने महंगाई, कानून व्यवस्था का मुद्दा उठाते हुए सरकार को घेरा। पढ़िए किसने क्या कहा?
धर्म सिंह यादव (वकील) ने कहा कि मैंने ये अनुभव किया है लोग जनसेवा के लिए चुनाव लड़ते हैं और खुद की सेवा में समय बिता देते हैं। जो निधि मिलती हैं, उससे खुद कमाने में लग रहते हैं और जनसेवा भूल जाते हैं। उन्होंने आगे कहा कि यहां अपराध बढ़ रहा है, अपराध में हत्या, अपरहण, बलात्कार के मामले आ रहे हैं। शिक्षा और स्वास्थ्य का पतन हुआ है। आज महंगाई चरम है।
उदय प्रताप सिंह ने कहा कि 2017 से पहले यहां रात को 11 बजे तो छोड़िए दिन में 11 बजे महिलाएं और बहनें सुरक्षित नहीं थीं। फिरोजाबाद चूड़ियों का शहर है। पिछली सरकार में यहां चौथ वसूली (उगाही करना) का काम चल रहा था। खाली प्लॉट हमारा, बंद दुकान हमारी, इस पर योगी सरकार ने लगाम लगाने का काम किया है। वहीं, व्यापारी शुभम राजपूत ने कहा कि पिछली सरकार में उगाही करने वाले लोग घूमते रहते थे। इस सरकार में विकास हुआ है। सड़कें भी चौड़ी हुई हैं। पहले माताएं-बहने मार्केट आने से डरती थीं लेकिन अब वो दिक्कतें नहीं हैं।
शैलेंद्र कुमार ने कहा कि जब मुद्दा नहीं हो तो विपक्षी दल के लोग कुछ भी बोल देते हैं। कहीं सड़क पर एक जगह गड्ढा हो जाए तो कह देते हैं कि पूरे प्रदेश में सड़कें खराब हैं। कहीं एक अपवाद हो जाए उसको उछाल देते हैं। नंदु ठाकुर ने कहा कि सरकार योगी जी की रहनी चाहिए। गुंडे बिल्कुल खत्म हो गए हैं। शहर के अंदर दिन में या रात में कहीं भी चले जाओ कोई दिक्कत नहीं है।
चाय पर चर्चा के दौरान एक श्रमिक नेता ने कहा कि यहां श्रम कानून का और सरकार के आदेशों का अवहेलना की जा रही है। 6 मई 2021 को यहां के चुड़ी जुड़ाई मजदूरों के लिए शासनादेश लागू करवाया लेकिन उसका पालन नहीं हो रहा। यहां के कारखानों में श्रम कानून का पालन नहीं होता है। नकद भुगतान पर रोक लगी है बावजूद नकद भुगतान किया जाता है। मजदूरों को उनकी शैलरी उनके बैंक खाते में नहीं दी जाती है। फैक्ट्री एक्ट के अंतर्गत उन्हें जो सुविधाएं मिलनी चाहिए वो नहीं मिल रही है।
अनिल कुमार मिश्रा ने कहा कि महंगाई चरम पर है। सरसों का तेल इतना महंगा हो गया, डीजल-पेट्रोल का दाम चरम पर है। मिश्रा ने कानून व्यवस्था पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि सवर्णों के लिए कोई आयोग नहीं है। एससी/एसटी एक्ट का दुरुपयोग हो रहा है। उन्होंने आरक्षण का मुद्दा भी उठाया। मिश्रा ने कहा कि अगर तीन कृषि कानूनों की वापसी हो सकती है तो आरक्षण का क्यों नहीं? सवर्णों के साथ छलावा हो रहा है। 90 फीसदी लोग भाजपा को वोट देता है, बावजूद ऐसा है। करीब 70 साल के बुजुर्ग फौरन सिंह धनकर ने कहा कि हमारी समस्या यह है कि धनकर समाज का कोई सर्टिफिकेट नहीं बना रहा। उन्होंने कहा कि ऐसी कोई विधानसभा नहीं है जहां धनकर समाज सत्ता को आने का और विपक्ष को जिताने का काम नहीं करता। हमारे समाज के लोग इस बार नोटा को वोट देंगे
डिएलएड कर चुके छात्र सौरभ यादव ने कहा कि 2017-19 में मैंने डीएलएड किया। आज 2021 आ चुका हैं। आज भी मैं बेरोजगार हूं। इस सरकार ने छात्र छात्राओं को बहुत प्रताड़ित किया है। वहीं, दूसरे ने कहा कि इस सरकार से गुंडे, दलाल किस्म के लोग ज्यादा परेशान हैं। अमित सोलंकी ने कहा कि सरकार किसी की भी आए। इन्वेस्टमेंट आना चाहिए। कुल मिलकार युवाओं को रोजगार चाहिए। यहां बहुत बेरोजगारी है।
एक अन्य शख्स ने कहा कि फिरोजबाद कारखानों की मंडी है लेकिन सबको सरकारी नौकरी चाहिए, उसका समाधान तो नहीं है, जो मेहनत करना चाहता है उसके लिए काम है। बिलाल कुरैशी ने कहा कि सरकारी नौकरी काबिलियत पर मिलती है। चर्चा के दौरान एक हरिशंकर नाम के मजदूर ने कहा कि हमारी रेट गिरा देते हैं। कोई सुविधा नहीं देते, दवाई नहीं देते पानी खराब है। इस पर कारखानेदार बिन्नी मित्तल ने कहा कि ऐसा नहीं होता है। ये जिस ठेकेदार के अंदर काम कर रहे होंगे उसने इनके साथ दलाली कर ली होगी।
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