उज्जैन। इंदौर में हुए दिल दहलाने वाले अग्रिकांड के बाद उज्जैन नगर निगम ने एक बार फिर शहर के सभी भवनों, होटलों, अस्पतालों और शैक्षणिक संस्थाओं आदि में आग से बचाव के साधनों की नए सिरे से जाँच का निर्णय लिया है। निगमायुक्त ने यह जवाबदारी अपर आयुक्त मनोज पाठक को सौंपी है। कल इंदौर में एक सिरफिरे युवक ने युवती की गाड़ी जला दी थी। विजयनगर क्षेत्र की स्वर्णबाग कॉलोनी स्थित एक बिल्डिंग में इसके कारण भीषण आग लग गई थी और 7 लोगों की मौत हो गई थी तथा कई लोग आग में झुलसकर गंभीर घायल हो गए थे। इस घटना के बाद से उज्जैन नगर निगम गर्मी को देखते हुए आग से निपटने के इंतजामों को लेकर एक बार फिर सक्रिय हुआ है। निगम आयुक्त अंशुल गुप्ता ने एक आदेश जारी कर अपर आयुक्त मनोज पाठक को जवाबदारी दी है। इसमें आवासीय भवन जैसे- लाजिम, बोर्डिंग, अपार्टमेंट तथा फ्लैट, शयनागर, शैक्षणिक भवन के अलावा संस्थागत भवन जैसे आरोग्य आश्रम, दण्डिक संस्थाएं जैसे जेल, कारागार, विश्वविद्यालय, बीमा भवन, बैंक परिसर, अशासकीय संगठन कार्यालय इत्यादि के साथ-साथ सभाभवन जैसे मनोरंजन, राजनैतिक, सामाजिक, धार्मिक, नागरिक यात्रा तथा ऐसे सभी स्थान जहाँ लोगों की भीड़ इक_ा होती है जैसे सिनेमाघर, सभागार, प्रदर्शनी स्थल, व्यायामशालाएँ, भोजलनालय, संग्रहालय, रेस्टोरेंट, पूजा स्थान, नृत्यशाला, क्लब रूम के अतिरिक्त ऐसे ही व्यापारिक भवन, औद्योगिक भवन, भण्डार भवन, शॉपिंग माल एवं बहुमंजिला इमारतें आदि का सतत परीक्षण कर अग्नि सुरक्षा सुरक्षा संबंधी संसाधनों की जाँच की जाएगी। जाँच में यह परीक्षण भी किया जाएगा कि वहाँ स्वयंचल सावधान (आटोमेटिक अलार्म) सिस्टम उक्त भवनों में स्थापित है या नहीं? इसके साथ ही स्थल भ्रमण कर भौतिक सत्यापन रिपोर्ट भी अधिकारियों को प्रस्तुत करना होगी। फायर अनापत्ति जारी किए जाने हेतु भी अपर आयुक्त को अधिकृत किया गया है।
3 मंजिला भवनों तक ही आग बुझाने के संसाधन
उल्लेखनीय है कि नगर निगम के फायर ब्रिगेड विभाग में आग पर काबू पाने के लिए जो मौजूदा इंतजाम है उनके नगर निगम की दमकल तीन मंजिला 30 फीट ऊँचाई तक की इमारतों में ही आग बुझा सकती है। इससे अधिक ऊँचाई पर अगर आग लगती है तो नगर निगम के पास इस पर काबू पाने के आधुनिक संसाधन मौजूद नहीं हैं। ऐसे में आवश्यक है कि सार्वजनिक भवनों पर आग से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होना बेहद जरूरी है।
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