उज्जैन। मंगलवार से महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं के मोबाइल साथ ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया। पहले दिन इसका असर भी नजर आया। मोबाइल नहीं होने से दर्शनार्थी दर्शन कर परिसर में नहीं ठहरे और निर्गम द्वार से बाहर होने लगे। प्रतिबंध के बावजूद पहले दिन तीन दर्जन लोग सुरक्षा कर्मियों से नजर बचाकर परिसर में मोबाइल ले गए, लेकिन वहाँ पकड़े गए और जुर्माना देना पड़ा। महाकाल मंदिर समिति ने मंगलवार से महाकाल मंदिर में मोबाइल ले जाने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया था। इसी के साथ महाकाल दर्शन हेतु प्रवेश से पहले तीन स्थानों पर श्रद्धालुओं के मोबाइल लॉकर में रखने की व्यवस्था की गई थी। इसमें महाकाल मंदिर के प्रशासनिक कार्यालय के अलावा महाकाल लोक के मान सरोवर द्वार और गेट नंबर 4 पर बने काउंटर पर व्यवस्था सुबह से देर शाम तक जारी रही। सहायक प्रशासनिक अधिकारी मूलचंद जूनवाल के अनुसार कल दिनभर श्रद्धालु के मोबाइल लॉकर में रखवाए गए। मोबाइल जमा करते वक्त काउंटर से श्रद्धालुओं का फोटो खींचकर उन्हे फोटोयुक्त पर्ची दी गई तथा दर्शन कर लौटने पर यह पर्ची दिखाकर श्रद्धालु वापस अपना मोबाइल ले भी गए। पहले दिन लगभग 15 हजार श्रद्धालुओं के मोबाइल लॉकर काउंटरों पर रखे गए। उन्होंने कहा कि जो श्रद्धालु दर्शन के लिए एक ही परिवार से आए थे उनके मोबाइल एक साथ एक कपड़े में लपेटकर एक ही लॉकर में रखे गए। कमड़े पर पर्ची चस्पा की गई जिसमें में श्रद्धालु का नाम, पता और मोबाइल नंबर क्यूआर कोड के साथ दर्ज था। तीनों जगह 15 हजार लॉकर शाम तक भरते और खाली होते रहे। पहले दिन मोबाइल प्रतिबंधित होने के बाद इसका असर मंदिर परिसर में साफ नजर आया। अधिकारियों ने बताया कि मोबाइल नहीं होने के कारण दर्शन के बाद श्रद्धालु परिसर और अन्स स्थानों पर ठहरे नहीं तथा दर्शन के बाद निर्गम द्वार की ओर बढ़ते देखे गए। इससे परिसर में कल दिनभर कहीं भी श्रद्धालुओं की अधिक भीड़ जमा नजर नहीं आई। इधर कल गेट नंबर 4 पर सर्वर डाउन होने के कारण कईश्रद्धालुओं की पर्ची बनाने में देरी हुई। इस कारण श्रद्धालुओं को मोबाईल लॉकर में जमा करने के लिए ही कतार में देर तक खड़े रहना पड़ा। हालांकि अधिकारियों ने कहा कि बाद में इस समस्या का समाधान हो गया था।
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