नई दिल्ली। सभी नौ ग्रहों में शनि ग्रह सबसे धीमी गति से चलने वाले ग्रह हैं, जिस कारण से जातकों पर इनका प्रभाव काफी लंबे समय रहता है। शनि किसी एक राशि से दूसरी राशि में अपना स्थान बदलने के लिए ढाई वर्ष का समय लेते हैं। जब शनि एक राशि से दूसरी राशि में आते है तब किसी राशि पर शनि की साढ़ेसाती है और किसी से साढ़ेसाती समाप्त हो जाती है। ज्योतिष में शनि को न्याय का देवता माना गया है। यह व्यक्ति को कर्मों के आधार शुभ या अशुभ फल प्रदान करते हैं।
वहीं शनि जिन जातकों की कुंडली में शुभ भाव में होते हैं उनको रंक से राजा बना देते हैं, लेकिन जिन जातकों की कुंडली में शनि अशुभ होने पर कई तरह के कष्ट देते हैं। शनि का इस वर्ष में कोई गोचर नहीं होगा, लेकिन अगले वर्ष यानी 29 अप्रैल 2022 को शनि राशि बदलने वाले हैं। शनि के राशि बदलने पर कई राशियों से शनि की दशा का प्रभाव खत्म हो जाएगा। ऐसे में आइए जानते हैं साल 2022 से लेकर 2028 तक किन राशियों को शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव नहीं रहेगा।
2022 में शनि का राशि परिवर्तन
ज्योतिष में शनि को दो राशियों का स्वामित्व प्राप्त है। पहली मकर और दूसरी कुंभ राशि। 29 अप्रैल 2022 को शनि मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे। ऐसे में शनि के राशि परिवर्तन से धनु राशि वालों को साढ़ेसाती से मुक्ति मिल जाएगी। लेकिन मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती आरंभ हो जाएगी। साल 2022 में मकर और कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव बना रहेगा। इसके अलावा 2022 में कर्क और वृश्चिक राशि पर शनि की ढैय्या शुरू हो जाएगी जबकि मिथुन और तुला राशि पर से ढैय्या खत्म हो जाएगी।
2022 से 2028 तक इन राशियों पर नहीं रहेगी शनि की साढ़ेसाती
अगले सात सालों तक यानी 2022 से 2028 तक मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक और धनु राशि के जातकों पर शनि की साढ़ेसाती नहीं रहेगी।
2021 में शनि
शनि इस समय मकर राशि में वक्री चाल से चल रहे हैं। जिस कारण से धनु, मकर और कुंभ राशि के जातकों पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है। मिथुन और तुला राशि पर शनि की ढैय्या का प्रभाव है। किसी भी राशि पर शनि की साढ़ेसाती तीन चरणों में चलती है। धनु राशि पर शनि की साढ़ेसाती का अंतिम चरण चल रहा है।
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