भोपाल। सरकारी विभागों में बिजली बचाने को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा दी गई नसीहत का असर पर दिखाई देने लगा है। अब सरकारी कार्यालयों में बिजली की खपत कम हो रही है। बिजली बचाने की शुरूआत सबसे पहले ग्वालियर जिले से हुई थी। जब ग्वालियर कलेक्टर ने वीडियो कॉर्फेंस में सरकारी कार्यालयों में बिजली बचाने का प्रिजेंटेशन दिया तो सीएम को पसंद आया। उन्होंने दूसरे जिलों को भी इस पर अमल करने को कहा। मुख्यमंत्री की नसीहत का असर यह हुआ कि सरकारी अमला अब सीट छोड़ते ही लैप टॉप और डेस्क टॉप को शटडाउन करने लगा है। रोशनी की जब जितनी जरूरत होती है उतनी ही देर सीएफएल ऑन रखना भी इनकी आदत में आ चुका है। कड़ाके की ठंड के बाद भी सरकारी दफ्तरों में हीटर चलाने की प्रथा भी अब खत्म हो चुकी है। ये सारे बदलाव जिले में हुए उस नवाचार का हिस्सा हैं जो बिजली की बचत के लिए हो रहे हैं। तीन दिन पहले बिजली की बचत को लेकर इस तरह का प्रजेंटेशन जब कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने दिया तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने इसे काफी पसंद किया। उन्होंंने निर्देश दिया कि बाकी के 51 जिले भी ऐसा ही कुछ करें ताकि बिजली की मांग कम हो सके।
3 विभागों में 50 फीसदी घटी खपत
बिजली की बचत के प्लान की दिसंबर में तीन विभागोंं, खनिज, स्वास्थ्य एवं जिला पंचायत में टेस्टिंग हुई। बिजली कंपनी की ऑडिट टीम ने उक्त तीनों दफ्तरों में दिसंबर 2020 और दिसंबर 2021 की बिजली खपत के हिसाब से जांच की। इससे ही पता चला कि मात्र 15 दिन में 10 से 50 फीसदी तक बिजली की बचत हो चुकी है।
20 दफ्तरों में पायलट प्रॉजेक्ट
ग्वालियर में बिजली बचाने के लिए 20 दफ्तरों को पायलट प्रॉजेक्ट के तहत चुना जाएगा। इसके लिए रजिस्ट्रेशन चालू होंगे। इसके बाद बिजली बचाने की पहल प्राइवेट सेक्टर में भी होगी। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए एप की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।
एसी, पंखे, कूलर भी बदलेंगे
अधिकतर सरकारी दफ्तरों में पुराने एसी और पंखे हैं। इनका उपयोग करने पर बिजली की खपत ज्यादा होती है। गर्मी का सीजन आने से पहले इन्हें बदला जाएगा। फाइव स्टार रेटिंग के उपकरण लगेंगे। कूलर भी कम करने का प्लान अधिकारी कर रहे हैं। इसकी पुष्टि खनिज अधिकारी प्रदीप भूरिया व सीएमएचओ डॉ. मनीष शर्मा ने की। दोनों ने कहा कि हमने हीटर पर प्रतिबंध लगाया और सारी ट्यूबलाइट के स्थान पर सीएफएल लगवा दी हैं। जो लोग डेस्कटॉप व लैपटॉप का उपयोग करते हैं उन्हें सीट छोडऩे से पहले शटडाउन के लिए कहा जाता है।
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