उज्जैन। जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र के प्रबंधक, सहायक प्रबंधक एवं एक महिला के खिलाफ फर्जी दस्तावेजों के सहारे 19 लाख रू. का फर्जी लाभ पहुंचाने का मामला आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ने दर्ज किया है। पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर ली है।
इओडब्ल्यू पीआरओ के अनुसार उज्जैन में जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र के प्रबंधक आदित्य तिवारी, सहायक प्रबंधक मयंक डाबर तथा मैसर्स शाकम्बरी इंटरप्राइजेस, मक्सी मार्ग की विनीता रूंगटा के खिलाफ भारतीय दण्ड विधान एवं भ्रष्ट्राचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है।
उन्होंने बताया कि राज्य शासन द्वारा उद्योग संवर्धन नीति 2014 अन्तर्गत सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम श्रेणी के विनिर्माण उद्यमियों को उद्योग संवर्धन के लिए अनुदान सहायता प्रदान कर प्रोत्साहित किया जाता है। मैसर्स शाकंबरी इंटरप्राइजेस द्वारा योजनान्तर्गत गलत तरीके से फायदा देने के लिए इकाई को नवीन इकाई के रूप में दर्शाया गया, जबकि उक्त इकाई पूर्व से ही अपात्र श्रेणी के उत्पाद सभी प्रकार के प्रकाशन एवं मुद्रण प्रक्रियाएं (रोटोगेवर एवं फ्लेक्स प्रिंटींग को छोड़कर) का उत्पादन कार्य कर रही थी, जबकि इकाई ने अनुदान ड्यूपलेक्स कार्ड बोर्ड निर्माण के लिए लिया है। मयंक डाबर,आदित्य तिवारी एवं विनीता रूंगटा ने अन्य संबंधितो से सांठगांठ कर पूर्व से संचालित अपात्र श्रेणी की इकाई के पात्र की श्रेणी में लाकर छलपूर्वक इकाई को 19 लाख रू. का आर्थिक लाभ पहुंचाने के साक्ष्य पाए जाने पर इनके खिलाफ भारतीय दण्ड विधान एवं भ्रष्ट्राचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है।
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