इंदौर। दो मुलजिमों पर ब्लैकमेलिंग करने की रिपोर्ट लिखाकर एक दवाई वाला कोर्ट में पलट गया। उसने मुलजिमों से राजीनामा तक कर लिया था। इन कारणों से कोर्ट ने केस खारिज कर दिया। पुलिसिया कहानी के अनुसार फरियादी नितिन जैन का स्कीम नंबर 54 में मेडिकल स्टोर है। उसने विजयनगर पुलिस को शिकायत की थी कि 22 से 24 जनवरी 2020 के बीच मीडियाकर्मी बनकर आए दो व्यक्ति उसकी दुकान का वीडियो बनाने लगे और बोले कि वह दो नंबर की दवाइयां बेचता है। उसके पास जो गायनिक डॉक्टर बैठती हैं, वो भी फर्जी हैं। उनके दस्तावेज दिखाओ, नहीं तो 50 हजार रुपए देना पड़ेंगे। एक दिन उसकी दुकान पर फिर आए और गभर्पात की कुछ गोलियां निकालकर दुकान का वीडियो बनाया।
उन्होंने खुद को अधिमान्य पत्रकार बताया और पैसे नहीं देने पर वीडियो वायरल करने की धमकी भी दी। आरोप था कि दोनों ने उसे धमकाकर पांच हजार रुपए भी ले लिए। दुकानदार की रिपोर्ट पर पुलिस ने इमरान खान व आदित्य शर्मा नामक दो लोगों के खिलाफ ब्लैकमेलिंग व फर्जी कार्ड रखने की धाराओं में केस दर्ज किया था। संपूर्ण अनुसंधान के बाद अदालत में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया। गवाही चली तो फरियादी होस्टाइल हो गया और घटना से साफ इनकार कर किसी तरह के पैसे मांगे जाने के आरोप को नकार दिया। साथ ही अदालत में स्वीकारा कि उसका मुलजिमों से राजीनामा हो चुका है। जज गंगाचरण दुबे ने दोनों मुलजिमों को बेगुनाह मानते हुए छोड़ दिया।
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