इंदौर। केबल कार (cable car) का सपना (dream) एक बार फिर इंदौरियों को दिखाया गया है, जिसके चलते प्राधिकरण (IDA) ने फिजिबिलिटी सर्वे (Feasibility Survey) भी करवा लिया, जिसकी रिपोर्ट में 60 किलोमीटर (60 km) का रुट केबल कार के लिए उपयुक्त माना गया है, जिसमें 7 लाइनें रहेंगी और 41 स्टेशन (41 stations) बनाना पड़ेंगे। हर 1 से डेढ़ किलोमीटर के बीच ये स्टेशन रहेंगे और 1 किलोमीटर का सफर 3 मिनट में तय होगा। इस सर्वे रिपोर्ट का अब जनप्रतिनिधियों के बीच प्रजेंटेशन दिया जाएगा। उसके बाद मुख्यमंत्री को भी दिखाएंगे और फिर उनकी हरी झंडी मिलने के बाद इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट पर अमल संभव होगा। शुरुआत में ढाई किलोमीटर का रुट पहले चरण में लेना तय किया है, जिस पर 250 करोड़ रुपए का खर्च अनुमानित है।
सालों से केबल कार की बात भी इंदौर में होती रही है। हालांकि अधिकांश केबल कार पर्यटन और धार्मिक स्थलों पर संचालित की जा रही है। अब केन्द्र सरकार ने बड़े शहरों में बढ़ती यातायात की समस्या के मद्देनजर केबल कार के विकल्प को आजमाने की बात भी कही है। वहीं कुछ धार्मिक स्थलों पर केबल कार प्रोजेक्ट मंजूर भी किए गए, जिसके चलते उज्जैन में ही रेलवे स्टेशन से लेकर महाकाल मंदिर तक रोपवे का निर्माण कराया जा रहा है। इंदौर में भी पिछले दिनों हुई चर्चा के बाद केबल कार के लिए फिजिबिलिटी रिपोर्ट बनवाने का निर्णय हुआ और इंदौर विकास प्राधिकरण को इसका जिम्मा सौंपा गया। निजी फर्म की सहायता से यह सर्वे करवाया गया। हालांकि यह अभी शुरुआती स्तर पर ही है और अगर प्रोजेक्ट अमल में लाया जाता है तो इसमें बदलाव भी संभव हो सकेंगे। इंदौर में अभी जो सर्वे रिपोर्ट प्राधिकरण को प्राप्त हुई है उसमें 60.12 किलोमीटर लम्बाई में केबल कार प्रस्तावित की गई है, जिसके लिए 7 लाइनें रहेंगी और कुल 41 स्टेशन बनेंगे। औसतन दो स्टेशनों के बीच की दूरी 1.3 किलोमीटर रहेगी। ग्रीन लाइन,ब्लू लाइन, ऑरेंज लाइन, परपल, रेड, ग्रे और यलो लाइन प्रस्तावित की गई है और 100 करोड़ रुपए प्रति किलोमीटर अनुमानित लागत आंकी गई है। अभी शुरुआत में पहले चरण के तहत ढाई किलोमीटर लम्बाई के रोपे-वे को भी प्रस्तावित किया गया है, जिस पर लगभग 250 करोड़ रुपए के खर्च का अनुमान लगाया गया है। पिछले दिनों ही प्राधिकरण को जो केबल कार को लेकर फिजिबिलिटी सर्वे रिपोर्ट मिली उसका अवलोकन संभागायुक्त और प्राधिकरण अध्यक्ष दीपक सिंह, कलेक्टर आशीष सिंह, प्राधिकरण सीईओ आरपी अहिरवार सहित यातायात विभाग के अधिकारियों ने किया, जिसमें रुट नं. 1 ग्रीन लाइन और रुट नं. 6 ग्रे लाइन के सर्वे के आधार पर उस पर पहले अमल किए जाने पर भी चर्चा हुई, क्योंकि येदोनों रुट सघन क्षेत्रों से गुजरते हैं। जैसे रुट नं. 1 चंदन नगर, लाबरिया भेरू, गंगवाल, मालगंज, जवाहर मार्ग होते हुए शिवाजी वाटिका तक आएगा। इसी तरह रुट नं. 6 में रेलवे स्टेशन से मालवा मिल, पाटनीपुरा, भमोरी से नीरंजनपुर तक का सघन क्षेत्र जुड़ेगा। प्रति किलोमीटर इस फिजबिलिटी सर्वे में लगभग 100 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत आंकी गई है। यानी अगर पूरे 60.12 किलोमीटर में केबल कार चलानी है तो 6 हजार करोड़ रुपए से अधिक की भारी-भरकम राशि खर्च होगी, जिसमें 41 स्टेशनों का निर्माण भी शामिल रहेगा। इस सर्वे में 7 लाइनों पर ये केबल कार चलाना प्रस्तावित है, जिसमें ग्रीन लाइन की लम्बाई 6.24 किलोमीटर, ब्लू लाइन की लम्बाऊ 7.23 किलोमीटर, ऑरेंट लाइन की लम्बाई 8.99 किलोमीटर, परपल लाइन की लम्बाई 17.29 किलोमीटर, रेड लाइन की लम्बाई 8.02 किलोमीटर, ग्रे लाइन की लम्बाई 6.83 और यलो लाइन की लम्बाई 5.52 किलोमीटर प्रस्तावित की गई है। इसमें ग्रीन लाइन में जो स्टेशन पाइंट चिन्हित किए गए हैं वे चंदन नगर, लाबरिया भेरू, मालगंज चौराहा, यशवंत रोड गुरुद्वारा, जवाहर मार्ग चौराहा, सरवटे बस स्टैंड, एमवाय अस्पताल और शिवाजी चौराहा शामिल है। इसी तरह ब्लू लाइन में 6 स्टेशन पाइंट निर्धारित किए गए हैं, जिसमें मेट्रो स्टेशन, सुपर कॉरिडोर 3, टिगरिया बादशाह, प्राधिकरण बिल्डिंग, योजना 155, मरी माता चौराहा, राजवाड़ा और यशवंत रोड गुरुद्वारा शामिल है। इसी तरह अन्य 5 लाइनों में भी स्टेशन प्रस्तावित किए गए हैं। अब इस फिजिबिलिटी सर्वे रिपोर्ट को जनप्रतिनिधियों और मुख्यमंत्री के समक्ष पेश किया जाएगा।
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