इंदौर (Indore)। करीब पांच महीने पहले जिस ड्रेनेज लाइन की स्वीकृति के लिए एमआईसी मेंबरों ने महापौर परिषद की बैठक का बहिष्कार किया था, आखिरकार कल उसका भूमिपूजन हो ही गया। यह लाइन निगम सभापति के वार्ड में डलना है, जिसकी डिमांड कई महीनों से की जा रही थी। यही नहीं, यह अब तक की सबसे अधिक लागत की ड्रेनेज लाइन मानी जा रही है, जिसकी लागत साढ़े आठ करोड़ रुपए है।
अनूप टॉकिज चौराहे से लेकर आईटीआई तक डलने वाली इस ड्रेनेज लाइन का विधायक रमेश मेंदोला एवं सभापति मुन्नालाल यादव ने भूमिपूजन कर काम शुरू करवाया। इस लाइन के डलने के बाद नंदानगर, पाटनीपुरा मेनरोड, भमोरी, बजरंग नगर, कारसदेव नगर, क्लर्क कालोनी सहित आधा दर्जन से अधिक कालोनियों और मोहल्लों की ड्रेनेज समस्या हल हो जाएगी। अभी बार-बार लाइन चोक होने के कारण समस्या आती है। ड्रेनेज लाइन की लागत 8 करोड़ 32 लाख रुपए बताई गई है। इसके सहित अन्य कार्यों का भी भूमिपूजन हुआ, जिनकी कुल लागत 10 करोड़ रुपए है।
इस मौके पर मेंदोला ने यादव की तारीफ की और कहा कि आज के समय में नगर निगम में इतना बड़ा टेंडर स्वीकृत कराना मुश्किल है। ऐसे में उन्होंने इसे स्वी$कृत करा लिया। हालांकि इसे स्वीकृत कराने के लिए लंबे समय से प्रयास किया जा रहा था और तत्कालीन निगमायुक्त प्रतिभा पाल के समय आयोजित महापौर परिषद की बैठक में एमआईसी मेंबर जीतू यादव और राजेंद्र राठौर ने जब इसकी मांग उठाई तो उस समय मना कर दिया गया था और दोनों ने परिषद की बैठक का बहिष्कार कर दिया था। इसको लेकर भी बवाल मचा था। हालांकि बाद में पाल ने ही इसे स्वीकृति दी और अब जाकर इसका भूमिपूजन हो पाया है।
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