नई दिल्ली: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन बाजार का साइज 2030 तक 20 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की संभावना है और इससे समूचे ईवी परिवेश में करीब पांच करोड़ नौकरियों के मौके पैदा होंगे. गडकरी ने ई-वाहन उद्योग की स्थिरता पर 8वें कैटलिस्ट कॉन्फ्रेंस- ईवी एक्सपो-2024 को संबोधित करते हुए कहा कि अनुमान है कि 2030 तक इलेक्ट्रिक वाहन के वित्तपोषण यानी फाइनेंस के बाजार का आकार करीब चार लाख करोड़ रुपये होगा.
उन्होंने आगे कहा कि भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन बाजार की क्षमता 2030 तक 20 लाख करोड़ रुपये होगी जिससे संपूर्ण ईवी परिवेश में पांच करोड़ नौकरियों का सृजन होगा. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने कहा कि भारत में 40 प्रतिशत वायु प्रदूषण के लिए परिवहन क्षेत्र जिम्मेदार है.
गडकरी ने कहा, हम 22 लाख करोड़ रुपये मूल्य के जीवाश्म ईंधन का आयात करते हैं, जो एक बड़ी आर्थिक चुनौती है. जीवाश्म ईंधन का यह आयात हमारे देश में कई समस्याएं उत्पन्न कर रहा है. सरकार हरित ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित कर रही है क्योंकि भारत की 44 प्रतिशत बिजली की खपत सौर ऊर्जा पर आधारित है. हम जल विद्युत उसके बाद सौर ऊर्जा, हरित ऊर्जा खासकर बायोमास के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहे हैं. अब सौर ऊर्जा हम सभी के लिए महत्वपूर्ण स्रोतों में से एक है.
गडकरी ने देश में इलेक्ट्रिक बसों की समस्या पर भी प्रकाश डाला. हमारे देश को एक लाख इलेक्ट्रिक बसों की जरूरत है लेकिन अभी हमारे पास केवल 50 हजार बस हैं. मैं आप सभी से आग्रह करता हूं कि यही आपके लिए अपने कारखाने का विस्तार करने का सही समय है. गडकरी ने इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माताओं से गुणवत्ता के साथ समझौता न करने की बात भी कही.
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