देहरादून । उत्तराखंड (Uttarakhand) में गंगोत्री (Gangotri), यमुनोत्री (Yamunotri) की पहाड़ियों पर बर्फबारी होने से प्रकृति ने भी मां गंगा और मां यमुनोत्री के धामों के कपाट खोलने का स्वागत किया है और इन दोनों पवित्र धामों में बर्फबारी (Snowfall) से ठंडक बढ़ गई है। अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) के दिन गंगोत्री और यमुनोत्री धाम (Gangotri and Yamunotri Dham) के कपाट खुलने के साथ ही चार धाम यात्रा शुरू हो रही है। छह मई को केदारनाथ (Kedarnath) और आठ मई को बदरीनाथ (Badrinath) धाम के कपाट खुलेंगे।
उल्लेखनीय है कि पहले राज्य सरकार ने चार धाम यात्रा के लिए कोरोना के नियमों का पालन करने के कड़े आदेश दिए थे परंतु एकाएक राज्य सरकार ने कोरोना के लगभग सभी नियमों को हटा दिया है। अब बिना किसी जांच के बेधड़क होकर तीर्थयात्री चार धाम यात्रा कर सकेंगे। केवल उन्हें मास्क लगाने के नियम का पालन करना होगा और मास्क ना लगाने पर 500 रुपए का जुर्माना भुगतना पड़ेगा। परंतु यहां आ रहे तीर्थ यात्री राज्य सरकार के इस आदेश की भी कोई परवाह नहीं कर रहे हैं और बिना मास्क के घूम रहे हैं। इससे संक्रमण फैलने की संभावनाएं बलवती हो रही हैं।
राज्य की पुष्कर सिंह धामी सरकार के लिए चार धाम यात्रा सबसे चुनौतीपूर्ण है जिसके लिए राज्य सरकार ने भारी भरकम इंतजाम किए हैं। चार धाम यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं ने बड़ी संख्या में पंजीकरण कराया है जिससे चार धाम यात्रा पर निर्भर व्यापारियों के चेहरे खिल गए हैं। दो साल से व्यापारी कोरोना की मार से रोजी-रोटी को तरस रहे थे।
राज्य सरकार ने चार धाम यात्रा के दौरान भारी भीड़ के चलते अव्यवस्था न फैले इसलिए शुरुआती 45 दिनों को लेकर रोजाना चारों धामों में दर्शन करने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या निर्धारित की है। और साथ ही सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर प्रशासन ने उत्तराखंड में आने वाले सभी तीर्थ यात्रियों के सत्यापन का कार्य बड़े जोर शोर से शुरू किया ताकि असामाजिक तत्व चार धाम यात्रा के दौरान राज्य का माहौल खराब ना कर सकें।
पहली बार राज्य में तीर्थ यात्रियों का सत्यापन किया जा रहा है जिससे असामाजिक तत्वों में भय का माहौल है। इस तरह कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच चार धाम यात्रा इस बार शुरू हुई। केदारनाथ धाम को लेकर तीर्थ यात्रियों में सबसे ज्यादा उत्साह है। सबसे ज्यादा तीर्थ यात्रियों का पंजीकरण चार धामों में से केदारनाथ के लिए हुआ है।
केदारनाथ में जिस गुफा में राज्य की पुष्कर सिंह धामी सरकार के लिए चार धाम यात्रा सबसे चुनौतीपूर्ण है जिसके लिए राज्य सरकार ने भारी भरकम इंतजाम किए हैं। चार धाम यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं ने बड़ी संख्या में पंजीकरण कराया है जिससे चार धाम यात्रा पर निर्भर व्यापारियों के चेहरे खिल गए हैं। दो साल से व्यापारी कोरोना की मार से रोजी-रोटी को तरस रहे थे।
राज्य सरकार ने चार धाम यात्रा के दौरान भारी भीड़ के चलते अव्यवस्था न फैले इसलिए शुरुआती 45 दिनों को लेकर रोजाना चारों धामों में दर्शन करने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या निर्धारित की है। और साथ ही सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर प्रशासन ने उत्तराखंड में आने वाले सभी तीर्थ यात्रियों के सत्यापन का कार्य बड़े जोर शोर से शुरू किया ताकि असामाजिक तत्व चार धाम यात्रा के दौरान राज्य का माहौल खराब ना कर सकें।
पहली बार राज्य में तीर्थ यात्रियों का सत्यापन किया जा रहा है जिससे असामाजिक तत्वों में भय का माहौल है। इस तरह कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच चार धाम यात्रा इस बार शुरू हुई। केदारनाथ धाम को लेकर तीर्थ यात्रियों में सबसे ज्यादा उत्साह है। सबसे ज्यादा तीर्थ यात्रियों का पंजीकरण चार धामों में से केदारनाथ के लिए हुआ है।
बतादें कि केदारनाथ में जिस गुफा में प्रधानमंत्री ने तपस्या की थी उस धाम की बुकिंग आगे कई महीनों के लिए अभी से हो गई है। राज्य सरकार ने इस बार चारों धामों के दर्शन के लिए तीर्थ यात्रियों की संख्या तय कर दी है। एक दिन में बद्रीनाथ धाम में 15 हजार, केदारनाथ धाम में 12 हजार, गंगोत्री धाम में सात हजार और यमुनोत्री धाम में चार हजार तीर्थयात्री दर्शन कर सकेंगे।
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