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    चमोली में सिखों के पवित्र तीर्थस्थल हेमकुंड साहिब के कपाट खुले, रोजाना कर रहे 3,500 लोग दर्शन

  • May 27, 2024

    देहरादून (Dehradun)। उत्तराखंड में जारी चारधाम यात्रा (Chardham Yatra) के बीच चमोली में पवित्र तीर्थ स्थल हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा (Hemkund Sahib Gurudwara) के कपाट आज श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए है. रोजाना लगभग 3, 500 श्रद्धालु दर्शन कर सकते है.उत्तराखंड के चमोली में सिखों के पवित्र तीर्थ स्थल हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा के कपाट आज खोल दिए गए. इसके साथ ही हेमकुंड साहिब की यात्रा का आरंभ हो गया है

    उत्तराखंड में जारी चारधाम यात्रा के बीच सिखों के पवित्र और लोकप्रिय तीर्थस्थलों में से एक हेमकुंड साहिब के कपाट दर्शन के लिए खुल गए। हेमकुण्ड साहिब दुनिया का सबसे ऊंचा और विश्व प्रसिद्ध गुरूद्वारा है। आज सुबह से ही हजारों की संख्या में देश विदेश से श्रृद्धालु हेमकुण्ड साहिब पहुंचने लगे थे। इस शुभ अवसर पर करीब 2000 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।

    इस यात्रा की शुरुआत ऋषिकेश गुरूद्वारा परिसर से पहले जत्थे के प्रस्थान करने के साथ ही हो गया था। 22 मई को उत्तराखण्ड राज्यपाल ने धार्मिक अनुयायियों के साथ मिलकर जत्थे को रवाना किया था। यह जत्था 23 मई को गुरूद्वारा गोबिंद घाट में ठहरकर 24 मई को पैदल चलते हुए गोबिंद धाम (घांघरिया) पहुंचा था। रात्रि विश्राम करके आज जत्थे ने हेमकुण्ड साहिब के लिए प्रस्थान किया।



    जानकारी के लिए बता दें कि कपाट खुलने के खास अवसर पर पंज प्यारों की अगुवाई में जत्थे ने ‘‘जो बोले सो निहाल’’ के जयकारों व बैंड बाजों की धुनों के साथ कीर्तन करते हुए यात्रा के अंतिम पड़ाव श्री हेमकुण्ड साहिब पहुंचकर अपनी हाजिरी भरी। गुरूद्वारा प्रबंधक सरदार गुरनाम सिंह व मुख्य ग्रंथी भाई मिलाप सिंह द्वारा संगतों के साथ मिलकर प्रातः 9ः30 बजे पवित्र गुरू ग्रंथ साहिब जी के पावन स्वरूपों को सुखासन स्थल से दरबार साहिब में लाया गया तथा पावन प्रकाश करते हुए अरदास की और गुरू महाराज का पहला हुकमनामा जारी किया गया।

    मुख्य ग्रंथी द्वारा प्रातः 10.15 बजे सुखमनी साहिब जी का पाठ किया गया। इसके बाद प्रातः 11.30 बजे से रागी जत्थों द्वारा गुरबाणी कीर्तन का गुणगान किया गया। साथ ही निशान साहिब जी के चोले की सेवा भी चलती रही। पूरे गुरूद्वारा परिसर और दरबार हॉल की फूलों से भव्य सजावट की गई ।


    भारतीय सेना के 418 इंडीपेंडेंट कोर के कर्नल विरेन्द्र ओला एवं ब्रिगेडियर एम. एस. ढिल्लों भी इस अवसर पर मौजूद रहे। यात्रा के लिए उनकी टीम का शेष योगदान रहा। प्रशासन के साथ गुरूघर सेवादारों ने भी काफी सहयोग किया। कपाट खुलने के पावन अवसर पर गुरूद्वारा ट्रस्ट के अध्यक्ष सरदार नरेन्द्रजीत सिंह बिन्द्रा व गुरूद्वारा गोबिन्द घाट के प्रबंधक सरदार सेवा सिंह भी मौजूद रहे। नरेन्द्रजीत सिंह बिन्द्रा ने अपने संबोधन में कहा कि हेमकुण्ड साहिब में बर्फ अधिक है इसलिए बुजुर्ग, छोटे बच्चे व बीमार व्यक्ति कुछ समय के लिए यात्रा पर आने से परहेज करें। सरकार द्वारा भी दिशा निर्देश जारी किए गए हैं कि यू-ट्यूबर व ब्लॉगर धार्मिक स्थलों पर वीडियोग्राफी या रील्स न बनाएं जिससे कि श्रृद्धालुओं को परेशानी हो।

    गुरूद्वारा ट्रस्ट ने अपील की है कि श्रृद्धालु निःसंकोच यात्रा पर आएं और गुरु महाराज का आशीर्वाद प्राप्त करें। इसके अलावा जो श्रृद्धालु यात्रा पर आने में असमर्थ हैं वे हेमकुण्ड साहिब जी से सीधा प्रसारण पी.टी.सी. सिमरन पर प्रतिदिन प्रातः10 बजे से दोपहर 1 बजे तक देख सकते हैं। साथ ही ट्रस्ट ने आशा जताई कि सभी श्रृद्धालु पवित्र भावना व आपसी सौहार्द के साथ प्रशासन एवं गुरूघर सेवादारों को सहयोग करते हुए यात्रा को निर्विघ्न और सफल बनाएगें।

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