सूरत। कोविड-19 के कारण इलाज करा रहे बुजुर्ग मरीज के लिए अपनी जान खतरे में डाल कर ऑक्सीजन सुविधा(ईसीएमओ) देने वाले डॉक्टर की हालत में अब सुधार हो रहा है और वे प्राकृतिक रुप से सांस ले रहे हैं। डॉ संकेत मेहता को सूरत से चेन्नई के एमजीएम अस्पताल लाया गया। अस्पताल का कहना है कि वह अब पूरी तरह से प्राकृतिक रुप से सांस लेने में सक्षम हैं। एमजीएम स्वास्थ्य केन्द्र की एक विज्ञप्ति के अनुसार, डॉ मेहता को सूरत के एक निजी अस्पताल में कोविड-19 संक्रमण के कारण सांस लेने में परेशानी होने पर एक्स्ट्राकोर्पोरियल मेम्ब्रेन ऑक्सीजेनेशन पर रखा गया था। विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘‘मेहता ने उसी आईसीयू में भर्ती एक और मरीज को हो रही ऑक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए अपनी जान जोखिम में डाल दी। इस दौरान उनकी हालत और खराब हो गई क्योंकि करीब 15-20 मिनट तक उन्हें ऑक्सीजन नहीं मिल पाया। तब विशेषज्ञ टीम ने उन्हें लगभग दो सप्ताह पहले एमजीएम स्वास्थ्य केन्द्र में स्थानांतरित करने का फैसला किया। अस्पताल ने कहा कि निरंतर देखभाल के बाद उनके स्वास्थ्य में सुधार हुआ है ।
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