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    5 साल बाद भी नहीं लौटी संभागीय हाट में रौनक

  • March 17, 2022

    • 5 करोड़ खर्च कर जिला पंचायत के अधीन कराया गया था निर्माण-हस्त शिल्प और स्व सहायता समूहों की दुकानें लगाने की थी योजना

    उज्जैन। आज से लगभग 5 साल पहले सिंहस्थ 2016 के पूर्व नीलगंगा क्षेत्र में पाँच करोड़ खर्च कर तैयार किए गए हाट की दुकानों के आवंटन हेतु जिला पंचायत ने पूर्व में टेंडर जारी किए थे, इसके बावजूद दुकानें लेने कोई व्यापारिक नहीं आया। संभागीय हाट बाजार को हस्तशिल्प, स्व-सहायता समूह की सालभर दुकान लगने के लिए बनाया था, फिलहाल यह 5 सालों से सूना पड़ा है। उल्लेखनीय है कि हस्तशिल्प व स्वयं सेवी संस्थाओं की ओर से बनाए जाने वाली सामग्री को प्रोत्साहन और बाजार उपलब्ध कराने के लिए तथा इनके लिए एक स्थायी बाजार की सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए बनाए गए संभागीय हाट से व्यापारियों ने ही मुँह मोड़ लिया है। हाट में स्थायी दुकानें संचालित करने के लिए जिला पंचायत ने पूर्व में टेंडर, निकाले लेकिन एक भी व्यापारी ने इसमें रुचि नहीं ली। दरअसल व्यापारियों का कहना है कि हाट एक तरफ बनाया गया है, जहाँ लोग खरीदारी करने नहीं आते हैं।


    लिहाजा हाट सिर्फ शो-पीस बनकर रह गया है और इक्का-दुक्का कार्यक्रम ही आयोजित होते रहे हैं। जिला पंचायत ने सिंहस्थ से पहले 5 करोड़ रुपए खर्च कर नीलगंगा क्षेत्र में संभागीय हाट बनाया था। यहाँ दुकानों के साथ आकर्षक डेकोरेटिंग व्यवस्था की गई थी। इसे बनाने का उद्देश्य था कि हस्तशिल्प मेले, स्वयं सेवी संस्थाओं द्वारा बनाए गए सामान व स्थानीय कलाकृति के लिए एक बाजार उपलब्ध हो, जहाँ शहरवासी सहित बाहर से आने वाले यात्री भी खरीदारी कर सके। बीते 5 सालों में यह हाट सुचारु रूप से संचालित ही नहीं हो पाया है। दो साल पहले जिला पंचायत ने बाजार में नियमित दुकानें खोलने के लिए यहाँ की 30 दुकानों को किराए पर देने के लिए टेंडर निकाले थे। स्थिति यह रही कि एक भी दुकान के लिए टेंडर नहीं आया। तब से लेकर अब तक संभागीय हाट बाजार सभी दुकानें खाली पड़ी है और यहाँ सन्नाटा पसरा रहता है।

    कभी कभार ही होते हैं आयोजन
    संभागीय हाट का फिलहाल कोई उपयोग नहीं हो पा रहा है। यर्हा वर्षभर में तीन चार कार्यक्रम ही आयोजित होते हैं। इसमें विशेषकर नवरात्रि या अन्य कोई पर्व के समय मेला लगाकर दुकानें लगाई जाती हैं, वहीं शासन की ओर से रोजगार मेले, मतदान अभियान के लिए शिविर जैसे कार्यक्रम ही आयोजित हो रहे हैं। शेष समय यह स्थान सूना रहता है।

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