- तीन महीने पहले ही हुआ था उद्घाटन-अब अनुपयोगी बताकर तोडऩे की तैयारी
उज्जैन। जिला अस्पताल की जमीन पर मेडिकल कॉलेज बनना प्रस्तावित हैं। इसके तहत अस्पताल परिसर में मौजूद नए और पुराने सभी भवन तोड़े जाएंगे। नतीजतन, 50 लाख रुपए की लागत से बना जिला क्षय केंद्र बिना इस्तेमाल के तोड़ा जाएगा। जो जनता के पैसों की बर्बादी ही हैं। बड़ा सवाल यह है कि यदि जिला क्षय केंद्र की नई बिल्डिंग को काम में लिया जा सकता है तो स्वास्थ्य विभाग इसे अनदेखा क्यों कर रहा है?
उल्लेखनीय है कि शासन की मंशा अनुसार उज्जैन का मेडिकल कॉलेज जिला अस्पताल और उसके आसपास की शासकीय जमीन पर बनाया जाएगा। इसके चलते जिला अस्पताल के सभी स्वास्थ्य यूनिटों को चरक भवन और माधव नगर अस्पताल में शिफ्ट किया जाएगा। केवल सीएमएचओ ऑफिस और दिव्यांग पुनर्वास केंद्र कहीं दूसरी जगह शिफ्ट नहीं किए जाएंगे। इसके पीछे का तर्क इन दोनों बिल्डिंगों का नया होना बताया जा रहा है। लेकिन जिला क्षय केंद्र को तोडऩे का निर्णय लिया गया हैं। जबकि इसकी बिल्डिंग भी इसी साल ही बनी हैं और शासन ने इस पर करीब 50 लाख रुपए खर्च किए हैं। दरअसल, सीएमएचओ कार्यालय की भांति जिला क्षय केंद्र की नई बिल्डिंग को काम में लिया जा सकता है बावजूद, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इस पर कोई विचार विमर्श नहीं कर रहे हैं। ऐसे में जनता के पैसों की बर्बादी तो होगी ही, वही जिला क्षय केंद्र को दूसरी जगह शिफ्ट करने में भी बड़ी परेशानी होगी। हैरानी की बता यह है कि जिला अस्पताल परिसर में मौजूद सभी स्वास्थ्य सेवाओं की शिफ्टिंग की सूची में अभी तक इसका नाम ही शामिल नहीं किया है। लेकिन तोडऩे की सूची में इसका नाम शामिल हैं।
जिला अस्पताल से शिफ्ट होने वाले विभागो की जानकारी
- चरक भवन में… इमरजेंसी विभाग, आरएमओ कार्यालय, नर्सिंग अधीक्षक कार्यालय, सर्जरी विभाग एवं बर्न युनिट, हड्डी विभाग व ट्रामा, ईएनटी विभाग, मेडिसिन विभाग व जेल वार्ड, आईसीयू व टीएमटी, एक्स-रे विभाग, भोजनशाला, शव विच्छेदन कक्ष (पी.एम. रूम) आदि।
- माधव नगर में…कैंसर यूनिट, डेंटल विभाग, डायलिसिस यूनिट, , मन कक्ष विभाग, एल.टी.टी, इंफेक्शन वार्ड, एमआरआई आदि।