
इंदौर। क्राइम ब्रांच ने कल एक एडवाइजरी कंपनी पर छापा मारकर चार लोगों को गिरफ्तार किया, जबकि डायरेक्टर अभी फरार है। उसकी तलाश की जा रही है। लोगों को फंसाने के लिए डायरेक्टर ने आधा दर्जन युवतियों को नौकरी पर रखा था, जो फोन लगाकर लोगों से संपर्क करती थीं। दो दिन पहले क्राइम ब्रांच ने विजयनगर में मेदांता अस्पताल के पास स्थित एक बिल्डिंग में एक एडवाइजरी कंपनी पर छापा मारा था। क्राइम ब्रांच ने वहां से अमित, महिपाल, राहुल और सूरज को गिरफ्तार किया। उनके खिलाफ धार के ऋषभ ने शेयर ट्रेडिंग के नाम पर लाखों की धोखाधड़ी की शिकायत की थी। पुलिस ने मामले में केस दर्ज कर लिया है। पुलिस ने यहां से 18 मोबाइल, 4 लैपटॉप और अन्य सामान जब्त किया था। पुलिस ने बताया कि इस एडवाइजरी कंपनी का डायरेक्टर अभी फरार है। उसकी तलाश की जा रही है।
बताते हैं कि उसने कुछ और स्थानों पर भी फर्जी एडवाइजरी कंपनी के आफिस खोल रखे हैं। पुलिस ने जब यहां छापा मारा तो दो दर्जन से अधिक लोग काम करते हुए मिले, जिनमें आधा दर्जन महिलाएं भी थीं। सभी को उसने दस से बारह हजार रुपए में नौकरी पर रखा था। ये लोग शेयर का काम करने वालों का डाटा निकालकर युवतियों के माध्यम से उनको फोन कर जाल में फंसाते थे। चूंकि युवतियों की सीधी कोई भूमिका नहीं थी, इसलिए पुलिस ने फिलहाल उनके नाम-पते और मोबाइल नंबर लेकर उनको छोड़ दिया। वहीं पुलिस का कहना है कि जब्त लैपटॉप जांच के लिए भेजे गए है। उनका डाटा रिकवर किया जा रहा है, जिसके बाद पता चलेगा कि इन लोगों ने कितने लोगों को ठगा है। बताते हैं कि चार बैंक खातो की जानकारी मिली है, जिनमें करोड़ों के ट्रांजेक्शन हैं। पुलिस ने बताया कि ये लोग दो साल से यहां फर्जी एडवाइजरी कंपनी चला रहे थे। इन लोगों ने कुछ कर्मचारियों की जानकारी थाने में दी है, लेकिन व्यापार कुछ और बता रखा है।
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