भोपाल। प्रदेश में आंगनबाड़ी केंद्रों में उपलब्ध सुविधाओं से संबंधित जानकारी में लगातार आ रहे अंतर को देखते हुए महिला एवं बाल विकास संचालक डा. रामराव भोंसले ने संभागीय संयुक्त संचालकों को जांच के निर्देश दिए हैं। यह गड़बड़ी भारत सरकार को भेजी जाने वाली रिपोर्ट में सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार आलीराजपुर जिले में अभी भी 485 आंगनबाड़ी केंद्र किराए के भवन में संचालित हो रहे हैं। रीवा जिला दूसरे नंबर पर है। यहां 356, झाबुआ में 325, विदिशा में 270 आंगनबाड़ी केंद्र किराए के भवन में चल रहे हैं। ऐसे ही आंकड़े विभाग के अपने भवनों में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र और पेयजल की स्थिति के हैं। यह स्थिति तब है, जब सरकार पिछले दो साल से लगातार कह रही है कि आंगनबाड़ी केंद्रों को नजदीक के उन सरकारी भवनों में शिफ्ट करो, जो खाली हैं।
हर तीन माह में आंगनबाड़ी केंद्रों का सर्वे किया जाता है। इसकी रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी जाती है, जिसमें आंगनबाड़ी केंद्र में उपलब्ध सभी सुविधाओं की जानकारी होती है। महिला एवं बाल विकास संचालनालय स्तर पर इस साल की रिपोर्ट का जब पिछले सालों की रिपोर्ट से तुलनात्मक परीक्षण किया गया, तो पता चला कि हर साल आंंकड़ों में अंतर आ रहा है। मामले को गंभीरता से लेते हुए संचालक ने संभागीय संयुक्त संचालक, जिला कार्यक्रम अधिकारी और बाल विकास परियोजना अधिकारियों को आंगनबाड़ी केंद्रों में उपलब्ध संसाधन और मूलभूत सुविधाओं की जानकारी की समीक्षा करने को कहा है। उन्होंने कहा है कि अप्रत्याशित रूप से परिवर्तित आंकड़ों के संबंध में उस क्षेत्र के सेक्टर पर्यवेक्षक या आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से स्थिति स्पष्ट कर रिपोर्ट में संशोधन करें।
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