- निजी कंपनी को जिम्मेदारी सौंपी तो विधायकों ने किया विरोध
भोपाल। कोरोना संकट के दौरान मरीजों को अस्पताल पहुंचाने के लिए एंबुलेंस का संकट पैदा हो गया था। कई विधायकों, सांसदों और कंपनियों ने अपने सीएसआर (कॉर्पोरेट सोशल रेस्पांसिबिलिटी) फंड से दान में दी गई एंबुलेंस जय अंबे कंपनी के हवाले करने की तैयारी चल रही है। दान में मिलीं एबुलेंस को चलाने के लिए जिलों और ब्लॉक स्तर पर स्वास्थ्य विभाग के पास फंड नहीं था। ऐसे में अफसरों ने इन्हें कंपनी को देने के आदेश दिए हैं। छिंदवाड़ा में कांग्रेस विधायक की आपत्ति के बाद स्वास्थ्य विभाग ने एंबुलेंस को कंपनी से वापस ले लिया है।
कंपनियों के सीएसआर फंड के अलावा विधायक और सांसद निधि से करीब 60 एंबुलेंस दान में मिलीं थीं। इन वाहनों को कंपनी के सुपुर्द करने को लेकर एनएचएम के इस फैसले का विधायकों ने विरोध शुरू कर दिया है। छिंदवाड़ा जिले की जुन्नारदेव के कांग्रेस विधायक सुनील उईके ने विधायक निधि से खरीदी गई दो एंबुलेंस स्वास्थ्य विभाग को दान की थी। इन दोनों एंबुलेंस को सीएमएचओ ने 2 मार्च को जय अंबे इमरजेंसी सर्विस कंपनी के सुपुर्द कर दिया। जब विधायक को इसकी जानकारी लगी तो उन्होंने नाराजगी जताते हुए सीएमएचओ ऑफिस का घेराव करने की चेतावनी दे दी। विधायक की धमकी के बाद सीएमएचओ ने कंपनी के जिला समन्वयक को दोनों एंबुलेंस वापस जुन्नारदेव बीएमओ को लौटाने के लिए पत्र लिखा है।