लखनऊ । बसपा प्रमुख मायावती (BSP chief Mayawati) ने सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस की शाखाओं में जाने पर (On Government Employees visiting RSS shakhas) प्रतिबंध को हटाने का निर्णय (The decision to Lift the Ban) देशहित से परे बताया है (Is beyond the National Interest) ।
बसपा प्रमुख मायावती ने सोमवार को सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा कि सरकारी कर्मचारियों को आरएसएस की शाखाओं में जाने पर 58 वर्ष से जारी प्रतिबंध को हटाने का केन्द्र का निर्णय देशहित से परे, राजनीति से प्रेरित संघ तुष्टीकरण का निर्णय है ताकि सरकारी नीतियों व इनके अहंकारी रवैयों आदि को लेकर लोकसभा चुनाव के बाद दोनों के बीच तीव्र हुई तल्खी दूर हो।
उन्होंने आगे लिखा कि सरकारी कर्मचारियों को संविधान व कानून के दायरे में रहकर निष्पक्षता के साथ जनहित व जनकल्याण में कार्य करना जरूरी होता है जबकि कई बार प्रतिबन्धित रहे आरएसएस की गतिविधियां काफी राजनीतिक ही नहीं, बल्कि पार्टी विशेष के लिए चुनावी भी रही हैं। ऐसे में यह निर्णय अनुचित है, तुरन्त वापस हो।
ज्ञात हो कि अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यक्रमों में सरकारी कर्मचारी भी भाग ले सकेंगे। केंद्र सरकार ने 58 साल पुराने प्रतिबंध को हटा लिया है। आदेश में कहा गया है, निर्देशों की समीक्षा की गई और यह निर्णय लिया गया कि 30 नवंबर 1966, 25 जुलाई 1970 और 28 अक्टूबर 1980 के संबंधित कार्यालय ज्ञापनों से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का उल्लेख हटा दिया जाए। इस बारे में भाजपा नेता अमित मालवीय ने सोशल मीडिया मंच पर लिखकर पूरी जानकारी दी है।
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