नई दिल्ली। मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार (Rajeev Kumar) ने कहा कि केंद्रशासित प्रदेश जम्मू एवं कश्मीर (Jammu and Kashmir) में चुनाव (Election) कराने का फैसला सुरक्षा की स्थितियों और अन्य कारकों को ध्यान में रखकर सही समय पर लिया जाएगा। सीईसी ने कहा, जब भी आयोग को समय सही लगेगा वहां चुनाव कराए जाएंगे। हालांकि, आयोग की ओर से बेवारी पूरी है।
जम्मू-कश्मीर राज्य के पांच अगस्त 2019 को दो केंद्र शासित प्रदेशों (union territories) में बांटे जाने और वहां से अनुच्छेद-370 (Article 370) खत्म किए जाने के बाद से चुनाव नहीं हुए हैं। प्रदेश में आखिय बार विस चुनाव 2014 में हुए थे। यह सरकार जून 2018 में तत्कालीन मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के इस्तीफे के बाद गिर गई थी और वहां राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया था।
आपराधिक छवि वा प्रत्याशी क्यों उतारा
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, उम्मीदवारों को अब आपराधिक पृष्ठभूमि को जानकारी ईसीआइ के केवाईसी ऐप और हलफनामे के साथ ईसीआई (डॉट) जीओवी (डॉट) इन पर देनी होगी। इसके अलावा राजनीतिक दलों को भी बताना होगा की उन्होंने आपराधिक छवि वाले उम्मीदवार को क्यों चुना।
डाक मतपत्र अब घर नहीं ले जा सकेंगे
चुनावी ड्यूटी में लगे कर्मचारियों को अब अपने मताधिकार का प्रयोग निर्वाचन अधिकारी कार्यालय में ही करना होगा। अपने निर्वाचन पत्र को घर लेकर जाने की सुविधा अब चुनाव आयोग ने समाप्त कर दी है।
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