इंदौर। एक पिता लिवर की गंभीर बीमारी से जूझ रहा है। उसका लिवर ट्रांसप्लांट किया जाना है। इस हेतु उसकी पुत्री लिवर डोनेट करने को तैयार है, लेकिन वह नाबालिग है। बालिग होने पर इस तरह के डोनेशन में किसी अनुमति की जरूरत नहीं होती, लेकिन डोनर के नाबालिग होने की स्थिति में कानूनी अनुमति जरूरी है।
इसके चलते लिवर की बीमारी से जूझ रहे पिता बेटमा निवासी 42 वर्षीय कृषक की ओर से एडवोकेट नीलेश मनोर द्वारा याचिका हाईकोर्ट में दायर की गई है। इसमें अर्जेंट सुनवाई के आवेदन के साथ कोर्ट से गुहार की गई है कि उसकी नाबालिग पुत्री को लिवर डोनेशन की अनुमति दी जाए। याचिकाकर्ता की पांच बेटियां हैं। ये सभी नाबालिग हैं। इनमें से सबसे बड़ी वाली बेटी अपने पिता को लिवर डोनेट करना चाहती है। उसके पूर्ण स्वस्थ होने संबंधित मेडिकल दस्तावेज याचिका के साथ लगाए गए हैं। याचिकाकर्ता के परिवार में कोई और ऐसा नहीं है, जो लिवर डोनेट कर सके। पत्नी को शुगर होने से वह ऐसा नहीं कर सकती। आज सिंगल वेकेशन बेंच में मामले की सुनवाई होगी।
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