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    Madhya Pradesh के जंगलों में बढ़ रहा लाल आतंक का खतरा

  • July 16, 2021

    • जंगल में कमजोर हुई पकड़ को मजबूत करने नक्सलियों ने विस्तार दलम का किया गठन
    • नक्सलियों ने सक्रियता बढ़ाने इलाका बदला मंडला से लेकर डिंडौरी तक नया कॉरीडोर तैयार किया

    भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के जंगलों में लाल आतंक का खतरा बढ़ता जा रहा है। पिछले पांच सालों में यहां दिलीप उर्फ गुहा (Dilip aka Guha) की गिरफ्तारी के बाद जंगल में कमजोर हुई पकड़ को मजबूत करने नक्सलियों (Naxalites) ने विस्तार दलम का गठन किया। इसे आगे बढ़ाने नक्सलियों (Naxalites) ने सक्रियता बढ़ाने इलाका बदला मंडला से लेकर डिंडौरी तक नया कॉरीडोर तैयार किया। यहां नक्सली विस्तार दलम के साथ अपनी जड़ें जमा पाते इससे पहले ही बालाघाट के जंगलों में बॉर्डर कैंप लगने से बढ़े दबाव से घिरे और बालाघाट के जंगलों में पुलिस की गोली का निशान बने। लगातार हुए पुलिस एनकाउंटर (Police Encounter) में नक्सलियों के मारे जाने से मध्य प्रदेश के जंगलों में उनके लिए वर्चस्व का संघर्ष बढ़ गया। इधर जंगल में घिरे नक्सलियों (Naxalites) को जहां पुलिस की गोली का निशाना बनना पड़ा, वहीं दो नक्सली सदस्य भी पकड़ाए हैं। इसके साथ ही पुलिस ने नक्सलियों (Naxalites)  तक हथियार पहुंचाने वाले अर्बन नेटवर्क के गिरोह को भी पकड़ लिया जिससे नक्सली संगठन बौखला गए हैं। इससे जंगलों में एक बार फिर लाल आतंक खतरा बढ़ा गया है। अर्बन नेटवर्क ब्रेक (Urban Network Break) होने उनकी बड़ी वारदात की प्लानिंग ब्रेक हुई है। लेकिन अब भी पुलिस को जंगल में बड़ी वारदात खतरा बना हुआ है। नक्सली जंगलों में पुलिस के लिए मौत का जाल बिछाने एंबुश प्लान कर रहे हैं।
    नक्सल हथियार मामले में गिरफ्तार आरोपितों की निशानदेही पर नक्सलियों के अर्बन नेटवर्क की कड़ी ने कई खुलासे किए हैं। बोरवन के जंगल को हथियार जुटाने का ठिकाना बना चुके नक्सली अब नए ठिकाने तलाश रहे हैं। पुलिस गिरफ्त में आए नक्सल हथियार की तस्करी से जुड़े लोगों ने जो कहानी पुलिस को बताई है, वह बेहद चौकाने वाली है। नक्सली सुरक्षा बलों को ही नहीं सुरक्षा चौकियों को भी टारगेट कर रहे हैं। जिसके लिए नक्सलियों ने काफी मात्रा में विस्फोटक जुटाया है। बता दें कि पिछले पांच माह में नक्सली विस्फोटक की डिमांड बड़े पैमाने पर कर रहे थे,महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के लीडरों ने आंध्रा की सेंट्रल कमेटी के इशारे पर वारदात की प्लानिंग की है। इसके लिए कान्हा के कोर और महाराष्ट्र व छग की बॉर्डर में कैंप लगाने की तैयारी की है। पुलिस इसे लेकर सतर्कता का दावा कर रही है। लेकिन बड़ी संख्या में नक्सलियों की मौजूदगी ने पुलिस की चिंता बढ़ा दी है।

    इनका कहना
    मध्य प्रदेश में लंबे समय से नक्सली मूवमेंट है। इस पर अंकुश लगाने जिले में लगातार सर्चिंग ऑपरेशन चलाया जा रहा है। आउटसोर्स में भी फोर्स की कमी का फायदा उठा रहे थे, जिसके चलते पुलिस ने बॉर्डर कैंप लगाए हैं। इससे जंगलों में नक्सली घिरे और पुलिस को बड़ी सफलता मिली। कुछ नक्सली एनकांउटर में मारे गए तो दो को जिंदा गिरफ्तार किया है। वहीं उन तक हथियार पहुंचाने वाले अर्बन नेटवर्क को भी पुलिस ने ब्रेक किया है। नक्सली बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में अपनी तादाद बढ़ा रहे हैं। महाराष्ट्र-छग की लीडरों की भी यहां मौजूदगी है। पुलिस पूरी तरह अलर्ट है।
    -केपी वैंकाटेश्वर राव, एडीजी बालाघाट

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