Malnutrition Risk on World: दुनिया में अभी कोरोना का खतरा टला भी नहीं है. चीन, नॉर्थ कोरिया, फ्रांस समेत कई देशों में कोरोना के मामलों में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है. इस बीच कई देशों में कुपोषण (malnutrition) का भी खतरा बढ़ गया है.
यूनिसेफ ने जारी किया अलर्ट
यूनाइटेड नेशन चिल्ड्रन फंड (यूनिसेफ) ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट में कुपोषित बच्चों को लेकर अलर्ट जारी किया गया है. यूनिसेफ के मुताबिक, रूस-यूक्रेन जंग, कोरोना वायरस (corona virus) और जलवायु परिवर्तन की वजह से कुपोषित बच्चों (malnourished children) की संख्या तेजी से बढ़ रही है. दुनिया भर में फैले ग्लोबल फूड क्राइसिस से लाखों बच्चों की मौत हो रही है.
कैसे बचाई जाए बच्चों की जान?
यूनीसेफ के अनुसार, कुपोषित बच्चों की जिंदगी बचाने के लिए उनके इलाज में इस्तेमाल होने वाली लागत में 16 फीसदी का इजाफा हो सकता है. इतना ही नहीं रेडी-टू-यूज थेराप्यूटिक फूड (आरयूटीएफ) के लिए जरूरी कच्चे माल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी के चलते भी बच्चों की जान बचाने पर असर पड़ सकता है.
दुनिया भर में फूड क्राइसिस का खतरा
यूनीसेफ की रिपोर्ट में कहा गया है कि यूनीसेफ कुपोषित बच्चों को एक खास फूड पैकेट देता है. इसमें बच्चों के भरपूर पोषक तत्व जैसे मूंगफली, तेल और शुगर से बनी चीजें होती हैं. इस खास फूड पैकेट के एक बॉक्स में 150 पैकेट होते हैं. ये गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों के लिए काफी सेहतमंद होते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, पहले इस फूड पैकेट की कीमत 3100 रुपये होती थी. लेकिन दुनिया भर में चल रहे फूड क्राइसिस के चलते इसकी कीमत में 16 फीसदी तक का उछाल आया है.
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