उज्जैन। जिले के शासकीय प्राथमिक विद्यालय (government primary school) सोमवार से खुल गए हैं। कक्षा 1 से 5 तक के विद्यालयों में 17 माह बाद रौनक लौटी। हालांकि स्कूल के शिक्षकों द्वारा कोरोना गाइड लाइन (corona guide line) का पालन नहीं करने के कारण आने वाले समय में बच्चों को कोराना का खतरा हो सकता है। इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी ने भी गंभीरता बरती है और प्रधानाध्यापकों को चेतावनी दी है।
जिलेभर में सोमवार को शासकीय एवं प्रायवेट प्राथमिक विद्यालयों में रौनक लौटी। शासन के निर्देश थे कि कक्षा 1 एवं 2 के विद्यार्थी एक साथ बैठकर कक्षा 1 की पुस्तकें ही पढ़ेंगे। चूंकि प्रायवेट स्कूलों द्वारा ऑनलाइन कक्षाएं चालू रखी गई थी। ऐसे में वहां कक्षा 2 के विद्यार्थी को अलग कक्षाओं में बैठाकर अगली कक्षा की पुस्तकों का ही अध्यापन करवाया गया।
शासकीय विद्यालयों में कक्षा 1 एवं 2 के विद्यार्थियों को एक साथ बैठाया गया। शिक्षकों के द्वारा कोविड-19 के प्रोटोकाल का पालन नहीं करवाया गया। अधिकांश बच्चे मॉस्क लगाकर नहीं आए थे वहीं एक ही टेबल पर दो से तीन बच्चे बैठे रहे। इसके चलते पालकों ने शंका व्यक्त की कि कहीं कोरोना संक्रमण के शिकार बच्चे न हो जाएं।
इनका कहना है
इस संबंध में जिला शिक्षाधिकारी आनंद शर्मा ने कहा कि यह बहुत गंभीर बात है। उन्होंने प्रधानाध्यापकों को चेताया है कि यदि 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ कोरोना प्रोटोकाल का पालन नहीं करवाया गया तो वे सख्त कार्रवाई करेंगे। उन्होंने बताया कि मंगलवार से वे आकस्मिक जांच भी करवाएंगे।
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