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नए वैरिएंट को हराने का इलाज हमारी हड्डियों में है छिपा, साउथ अफ्रीका ने दी ओमिक्रॉन को मात

January 04, 2022

नई दिल्ली। साउथ अफ्रीका (South Africa) से ही आया था कोरोना का ओमिक्रॉन (Omicron) वैरिएंट । इससे निपटने के लिए सभी देश अपने-अपने स्तर पर प्रयास कर रहै हैं। साउथ अफ्रीका से फैले इस वैरिएंट से पूरी दुनिया ग्रस्त है। हालांकि, खुद इस देश में ओमिक्रॉन के मामले कम दर्ज हो रहे हैं। डेल्टा वैरिएंट की तुलना में ओमिक्रॉन वैरिएंट ज्यादा खतरनाक नहीं है।

साउथ अफ्रीका के केप टाउन यूनिवर्सिटी (Cape Town University) की एक रिसर्च में सामने आया है कि हड्डियों (बोन मैरो) में छिपी खास कोशिकाओं ‘टी सेल’ से साउथ अफ्रीका ने ओमिक्रॉन को मात दी है। अफ्रीका के गाउटेंग प्रोविंस (gouteng province) में ओमिक्रॉन पर यह रिसर्च की गई।


इंसान के शरीर में दो तरह की कोशिकाएं होती हैं, पहली व्हाइट दूसरी ब्लड सेल। यह इंसान के शरीर में होने वाले किसी वायरस अटैक को पहचानकर उसे मारने का काम करती है। माना जाता है कि बी सेल्स में शरीर में बीमारी के लक्षण की पहचान कर पाता है। वहीं टी सेल्स बीमारी के वायरस से लड़ने का काम करती है।

साउथ अफ्रीका में कोरोना वैक्सीन (corona vaccine) ले चुके या संक्रमितों में 70-80 फीसद मरीजों में टी सेल्स के खिलाफ अच्छा रिस्पॉन्स किया। टी सेल आपको संक्रमित होने से रोकता है, लेकिन संक्रमण के बाद शरीर के अंदर पहुंचते ही वायरस को मार देता है। साउथ अफ्रीका में लोगों के टी सेल्स को मजबूत करने के लिए वैक्सीनेशन को तेज करके ओमिक्रॉन को हराया है।

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