भोपाल। मप्र सरकार के सचिवालय में चार महीने पहले कर्मचारी को कक्ष में धमकाने के मामले की जंाच भोपाल पुलिस के अरैरा हिल्स थाने ने बेशक ठंडे बस्ते में डाल दी है, लेकिन सामान्य प्रशासन विभााग को अभी भी अपराधियों के पकड़े जाने की उम्मीद है। सामान्य प्रशासन विभाग ने इस आश्य की जानकारी आवेदक जीपी सिंह (निज सचिव)को सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी के एवज में दी है।
जीएडी ने पत्र में लिखा है कि अपीलार्थी जीपी सिंह ने 23 जनवरी 2023 को सूचना का अधिकार के तहत जानकारी मांगी थी कि बल्लभ भवन 3 के प्रथम तल में सुधीर नायक सहायक ग्रेड-3 लोक निर्माण विभााग मंत्रालय, ने शराब के नशे में धुत्त होकर अपने पुत्र एवं सार्थियों के साथ आकर शासकीय कार्य में व्यवधान गाली-गलौज दुव्र्यवहार और धमकाया था। इसको लेकर जीएडी ने 18 जनवरी को जांच गठित की है। इसकी जानकारी मांगी। लोक सूचना अधिकारी से जानकारी नहीं मिली तो अपील की गई। अपीलीय अधिकारी ने निराकरण प्रकरण में बताया कि जिस प्रकरण की जानकारी चाही गई है ‘उस प्रकरण में कार्यवाही प्रचलन में है एवं वांछित सूचना अधिनियम की धारा 8 (1) (अ)सूचना जिससे अपराधियों के अन्वेषण पकड़े जाने या अभियोजन की क्रिया में अड़चन पड़ेगी, के अंतर्गत आती है।Ó अत: प्रचलित अवधि में जानकारी उपलब्ध कराया जाना संभव नहीं है।
भोपाल पुलिस से मांगी थी जानकारी
उल्लेखनीय है कि जीपी सिंह ने थाना अरेरा हिल्स समेत मंत्रालय सुरक्षा अधिकारी, एसीएस जीएडी, एसीएस गृह, मुख्य सचिव कार्यालय में इस आश्य की शिकायत की थी। जिस पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है। जबकि मंत्रालय सुरक्षा अधिकारी ने भोपाल पुलिस से जानकारी मांगी थी,जो अभी तक नहीं पहुंची है। गृह विभाग ने भी जांच के लिए पत्र लिखा था। जीएडी ने जल संसाधन विभाग के तत्कालीन अपर सचिव आशीष गुप्ता से जांच कराई। आरोप हैं कि जांच अधिकारी ने एक पक्ष के बयान लेकर रिपोर्ट सौंप दी। जिस पर आज तक कार्रवाई नहीं हुई। खास बात यह है कि जिस कर्मचारी सुधीर नायक पर आरोप लग रहे हैं, उन्होंने ‘अग्निबाणÓ को बताया कि उन्हें इसकी कोई जानकारी ही नहीं है। अखबारों के माध्यम से ही उन्हें पता चला था।
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