भोपाल। शारदीय नवरात्र शुरू होते ही शहर के बाजारों में त्योहारी खरीदारी का दौर शुरू हो गया है। एक ओर जहां बाजारों में लोगों की भीड़ बढ़ रही है वहीं दूसरी ओर सोशल डिस्टेंसिंग के लिए बनाए गए सुरक्षा चक्र अब नहीं दिखाई दे रहे हैं। कोरोना संक्रमण काल में लॉकडाउन के बाद जब दुकानें और बाजार खुले थे, तब हर दुकान के बाहर ये सुरक्षा गोले बनवाए गए थे। इसमें खड़े होकर ही लोग खरीदारी किया करते थे। इसके साथ ही आमजन मास्क से भी परहेज करने लगे हैं। जबकि वैक्सीन आने तक सभी के लिए मास्क बहुत ही जरूरी है। वहीं दुकानों और बाजारों में सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना गाइडलाइन का पालन कराने संगठनों का कहना है कि वे इसके लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। ग्राहकों को एक-दूसरे से दूर रखने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के लिए बाजारों में इस तरह के सुरक्षा चक्र चूने और रंग से बनाए गए थे। कुछ दिनों तक तो ये सुरक्षा चक्र बने रहे बाद में धीरे-धीरे ये गायब हो गए। इसके बाद दुकानदारों ने भी इन्हें बनाने की जहमत नहीं उठाई।
हर जगह दिख रही भीड़
जैसे-जैसे त्योहार नजदीक आते जा रहे हैं वैसे-वैसे बाजारों में लोगों की भीड़ भी बढ़ती जा रही है। भीड़ के कारण लोगों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग पूरी तरह से नदारद हो चुकी है। चेहरे पर मास्क भी नहीं होने के कारण कोरोना का खतरा बना हुआ है। एक दुकान पर एक समय में पांच-पांच लोगों के पहुंचने से हालात और भी गंभीर हो रहे हैं।
व्यापारियों का रोको-टोको अभियान
बाजार अब पूरी तरह खुल चुके हैं। रात में दुकानें जल्दी बंद करने की पाबंदी भी हटा दी गई है। त्योहारी सीजन भी है। ऐसे में बाजारों में ग्राहकों की भीड़ उमड़ रही है, लेकिन व्यापारियों द्वारा कराए गए सर्वे में सामने आया कि 30 से 35 फीसद ग्राहक ऐसे होते हैं, जो या तो मास्क पहनते नहीं, या फिर पहनने का उनका तरीका ठीक नहीं होता। इससे संक्रमण का खतरा भी मंडराता रहता है। लिहाजा, भोपाल के थोक किराना व्यापारियों ने मंगलवार से रोको-टोको अभियान की शुरुआत की। कोरोना संक्रमण के चलते व्यापारी अब मास्क नहीं पहनने वाले प्रत्येक ग्राहक को टोकेंगे और मास्क पहनने को कहेंगे।
35 फीसदी होते हैं बिना मास्क के
सैकड़ों टन किराना सामग्री की सप्लाई होती है। भोपाल किराना व्यापारी महासंघ के महासचिव अनुपम अग्रवाल ने बताया कि भीड़ बढऩे के बाद जानकारी निकाली तो 35 फीसदी तक ग्राहक ऐसे सामने आए, जिन्हें मास्क पहनने से परहेज होता है, या फिर वे सही ढंग से मास्क नहीं लगाते। इससे कोरोना का खतरा बढ़ जाता है। संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से स्वस्थ ग्राहक या व्यापारी भी संक्रमित हो सकता है।
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