उज्जैन। कार्तिक मेला शुरु होने के 15 दिन पहले से झूला व्यवसायियों ने संसाधनों के साथ मेला प्रांगण में डेरा डाल दिया था। कल शाम जनप्रतिनिधियों ने इसका उद्घाटन भी कर दिया लेकिन झूला क्षेत्र में कोई बड़ा झूला खड़ा तक नहीं हो पाया। आज सुबह लोग पूर्णिमा के चलते हजारों की तादाद में आधा अधूरा लगा मेला देखने पहुँच गए।
नगर निगम ने इस बार लगभग एक पखवाड़े पहले शिप्रा तट पर कार्तिक पूर्णिमा से आयोजित होने वाले एक माह के मेले की तारीख तय कर दी थी। इस बार मेला 7 नवम्बर से 6 दिसम्बर तक आयोजित होना है। कल महापौर और जनप्रतिनिधियों ने शाम के समय कार्तिक मेले का औपचारिक शुभारंभ कर दिया। शुभारंभ के दौरान केवल कुछ जनप्रतिनिधि और नगर निगम के अधिकारी और कर्मचारी ही नजर आ रहे थे। इधर झूला व्यवसायियों ने चर्चा में बताया कि पिछले साल वे सवा 9 वर्गमीटर के एक ब्लॉक के एवज में 1500 रुपए की दर से रसीद कटवाते थे। अब इसे बढ़ाकर प्रति ब्लाक 6 हजार कर दिया गया है जो 4 गुना है। इतना ही नहीं इस व्यवस्था को ऑनलाईन भी कर दिया है। इसके कारण बड़े झूले वाले चाहकर भी ऑनलाईन आवेदन नहीं कर रहे क्योंकि लॉटरी से आवंटन हुआ और निर्धारित से दूसरे ब्लाक में जगह मिली तो झूला चलाना आसान नहीं होगा।
यही कारण है कि ऑनलाईन आवेदन पद्धति से झूला व्यवसायियों ने दूरी बना ली है। झूला व्यवसायी अब्दुल अजीज जैदी ने बताया कि इस बार झूला शुरु होने के 15 दिन पहले से सभी झूला व्यवसायी इस उम्मीद में यहाँ पहुँच गए थे कि कोरोना के कारण पिछले दो वर्षों से हुए नुकसान की भरपाई हो जाएगी परंतु नई आवंटन व्यवस्था ने झूला व्यवसायियों को मुसीबत में डाल दिया है। यही कारण है कि मेला शुरु हो चुका है और अधिकांश झूला व्यवसायियों ने झूले खड़े नहीं किए हैं। इधर मीना बाजार से लेकर फूड झोन तक की दुकानों के आवंटन को लेकर यही समस्या है। कल शाम जनप्रतिनिधियों ने मेले का शुभारंभ कर दिया लेकिन अभी तक मेले में न तो झूले खड़े हुए हैं और न ही अन्य दुकानें लग पाई है। मेला प्रांगण में केवल ठेले और फेरी वाले छोटे व्यवसायी ही नजर आ रहे हैं। आज सुबह जब यहाँ हजारों की संख्या में लोग पहुँचे तो उन्हें आधा अधूरा मेला लगा नजर आया।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved