नई दिल्ली: 2008 में मुंबई में हुए आतंकवादी हमले की 15 वीं बरसी पर कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी इस घटना को भारत पर हुआ सबसे भयानक आतंकी हमला करार दिया. उन्होंने कहा कि इस हमले ने राष्ट्र की चेतना और आत्मा को झकझोर कर रख दिया था.
तिवारी ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, “26/11 भारत पर हुए सबसे भयानक आतंकी हमला है. इसने राष्ट्र की चेतना और आत्मा को झकझोर कर रख दिया था. विडंबना यह है कि इस घटना के 15 साल बाद भी हमले के मास्टरमाइंड और प्रमुख अपराधी को अभी तक न्याय के कटघरे में नहीं लाया जा सका है.”
‘पाकिस्तान बचा रहा हमले के मास्टरमाइंड को’
इस दौरान उन्होंने इसका कारण भी बताया. कांग्रेस नेता ने कहा कि यह बात बिल्कुल स्पष्ट है कि हमले के मास्टरमाइंड को पाकिस्तान बचा रहा है. उन्होंने ISI पर निशाना साधते हुए कहा कि वह पूरे दक्षिण एशिया में अस्थिरता फैलाता है.
‘ऐसी गतिविधियों पर तुरंत प्रतिक्रिया दे भारत’
तिवारी ने कहा कि इस तरह की परिस्थितियों में जरूरी है कि भारत आत्मनिरीक्षण करे और अगर पड़ोसी देश इस तरह की गतिविधियों में शामिल है तो उसे आतंकी तुरंत प्रतिक्रिया देनी चाहिए.
‘पाकिस्तान पर दबाव नहीं डाला गया’
उन्होंने कहा कि यह हैरान करने वाली बात है कि जो लोग खुद इस तरह के आतंकी हमलों के शिकार हुए हैं, उन्होंने भी पाकिस्तान पर दबाव नहीं डाला ताकि वह अपराधियों और मास्टरमाइंडों को भारत को सौंप सके.
आतंकी हमले में हुई थी 166 लोगों की मौत
बता दें कि 26 नवंबर 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले में 166 लोगों की मौत हो गई थी. आतंकियों ने मुंबई के होटल ताजमहल और ओबेरॉय होटल, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस रेलवे स्टेशन, लियोपोल्ड कैफे, कामा अस्पताल और नरीमन हाउस को निशाना बनाया था.
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