भोपाल। पंचायत चुनाव में पूर्व राजघरानों के वंशज भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इसमें सबसे रोचक मुकाबला नर्मदापुरम (होशंगाबाद) में देखने मिल रहा है। यहां राज परिवार की महारानी और रानी के बीच दिलचस्प मुकाबला होने जा रहा है। वहीं ओरछा राजघराने की बहू भी इस बार मैदान में हैं। उन्होंने कुछ दिन पहले ही दिल्ली में लिवर ट्रांसप्लांट कराया है। मकड़ाई राजघराने के विजय शाह (वन मंत्री) के बेटे दिव्यादित्य भी चुनावी मैदान में हैं।
ओरछा राजघराने से 50 साल बाद कोई चुनाव मैदान में
टीकमगढ़ जिला मुख्यालय से लगी महाराजपुरा पंचायत से अर्चना सिंह सरपंच का चुनाव लड़ रही हैं। अर्चना ओरछा राजघराने के सदस्य और पूर्व मंत्री रहे ज्ञानेंद्र सिंह जूदेव की बहू हैं। उनके सामने पांच प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। जूदेव 1972 तक टीकमगढ़ से विधायक और तत्कालीन प्रदेश सरकार में मंत्री रहे। वे करीब 50 साल पहले चुनाव लड़े थे। इतने लंबे अंतराल के बाद राजघराने से कोई चुनावी मैदान में सामने आया है। कुछ दिन पहले ही अर्चना सिंह का दिल्ली में लिवर ट्रांसप्लांट हुआ है।
सास ने बसाया था महाराजपुरा गांव
जिस महाराजपुरा गांव से अर्चना सिंह सरपंच पद का चुनाव लड़ रही हैं। उसे करीब 90 साल पहले बसाया गया था। अर्चना सिंह के पति विश्वजीत सिंह ने बताया कि ग्राम महाराजपुरा को ओरछा के महाराज वीर सिंह जूदेव के छोटे भाई सवाई राव राजा करण सिंह जूदेव की पत्नी चंद्र कुंवर जूदेव ने स्थापित किया था। महाराज करण सिंह का स्वर्गवास 32 वर्ष की उम्र में हो गया था। महाराज यहां आकर संगीत का रियाज किया करते थे। इस जगह से उन्हें बहुत प्यार था। उनकी मृत्यु के बाद मां ने शंकर जी का एक मंदिर स्थापित कराया था। उसकी पूजा करने के लिए पंडित को बुलाकर महाराजपुर गांव में रखा गया। धीरे-धीरे यहां बस्ती बढ़ती चली गई और ग्राम पंचायत का दर्जा मिल गया।
35 साल बाद सामान्य हुई पंचायत
ग्राम पंचायत महाराजपुरा इस बार 35 साल बाद सामान्य महिला के लिए आरक्षित हुई है। जिसके चलते राजघराने की बहू अर्चना सिंह ने फॉर्म भरा है। इसी दौरान उनका दिल्ली में लिवर का ऑपरेशन होना था। उन्होंने अपने छोटे बेटे पार्थ सिंह को टीकमगढ़ भेजकर नामांकन फॉर्म जमा कराया। गंगा दशहरा के दिन उनका लिवर ट्रांसप्लांट हुआ है। अर्चना सिंह के बड़े बेटे सिद्धार्थ सिंह ने उनको 70त्न लिवर दिया है।
महारानी और रानी में मुकाबला, बेटी बनी सरपंच
नर्मदापुरम में फतेहपुर स्टेट नदीपुरा बनखेड़ी आदिवासी राजघराने की बहू-बेटी भी चुनाव में नजर आ रही हैं। जिला पंचायत की पूर्व अध्यक्ष रह चुकीं योजनगंधा (रानी) वार्ड नंबर 14 से जिला पंचायत सदस्य के लिए चुनाव में उतरी हैं। उनके सामने खेमकुमारी पति पुखराज सिंह जूदेव है। जो योजनगंधा की रिश्ते में काकी सास (महारानी) हैं। खेमकुमारी सिंह बनखेड़ी से मंडी अध्यक्ष रह चुकीं है। इसी राजघराने की बेटी जागृति सिंह जूदेव उमरधा ग्राम पंचायत से निर्विरोध सरपंच चुनी गईं है। महेंद्र सिंह जूदेव और योजनगंधा सिंह जूदेव की 21 वर्षीय जागृति बेटी है। वे जिले की सबसे कम उम्र की निर्विरोध सरपंच भी है। जिला पंचायत चुनाव में अध्यक्ष सीट महिला एसटी के लिए रिजर्व है। वार्ड नंबर 14 अनारक्षित महिला के लिए रिजर्व है। इसी वार्ड से राजघरानें की सदस्य आमने-सामने हैं। चुनाव में सबसे तगड़ा मुकाबला भी इसी सीट से होने की संभावना है।
वन मंत्री के बेटे दिव्यादित्य भी मैदान में
मकड़ाई स्टेट के राजघराने से आने वाले प्रदेश के वन मंत्री विजय शाह के बेटे दिव्यादित्य खंडवा जिला पंचायत सदस्य के लिए चुनावी मैदान में हैं। रोशनी क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 15 से वे उम्मीदवार हैं। दिव्यादित्य भाजपा युवा मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष भी हैं। उनकी मां भावना खंडवा की महापौर रह चुकीं है।
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