हिम्मतनगर: गुजरात के हिम्मतनगर (Himmatnagar of Gujarat) में रहने वाले कारोबारी भावेश भाई भंडारी (Businessman Bhavesh Bhai Bhandari) और उनकी पत्नी ने अपनी 200 करोड़ की संपत्ति दान कर संन्यास (retirement by donating property) लेने का फैसला किया है. इसमें उनका 16 साल का बेटा और 19 साल की बेटी शामिल है. भंडारी के परिवार का शुरू से जैन समाज की तरफ झुकाव रहा. अक्सर इनके परिवार का मिलना जुलना दीक्षार्थियों और गुरुजनों के साथ होता रहा है. सोमवार को भावेश भाई ने अपनी पत्नी के साथ सोने, चांदी, कपड़े और कैश सड़कों पर लुटाया.
कारोबारी भावेश भाई भंडारी की परवरिश सुख-सुविधाओं में हुई है. उनका हिम्मतनगर और और अहमदाबाद में कंस्ट्रक्शन का बड़ा कारोबार है. भंडारी परिवार का जैन समुदाय के साथ लंबे समय से जुड़ाव रहा है. यह समुदाय भिक्षुओं और भक्तों से जुड़ा रहता है. भावेश भाई और उनकी पत्नी ने सभी भौतिक संपत्तियों का त्याग करके तपस्वी जीवन जीने का फैसला लिया है.
22 तारीख को अहमदाबाद रिवर फ्रंट पर एक साथ 35 लोग सांसारिक जीवन को छोड़ संयमित जीवन में अपना कदम रखने जा रहे हैं. संन्यास ग्रहण करने के बाद भावेश भाई और उनकी पत्नी को संयमित दिनचर्या का पालन करना होगा. वे जीवन भर भिक्षा मांगकर गुजारा करेंगे. इतना ही नहीं उनको पंखा, एसी, मोबाइल फोन जैसी सुख-सुविधाएं भी त्यागनी पड़ेगी. वे जहां कहीं भी यात्रा करेंगे उन्हें नंगे पांव चलना होगा.
संन्यास लेने जा रहे भावेश भाई भंडारी और उनकी पत्नी से पहले उनके बच्चे (बेटा-बेटी) भी संयमित जीवन जीना शुरू कर चुके हैं. भावेश के 16 साल के बेटे और 19 साल की बेटी दो साल पहले ही जैन समाज की दीक्षा ले चुके हैं. अपने बच्चों से प्रेरित होकर ही भावेश भाई और उनकी पत्नी ने दीक्षा लेने का फैसला किया है.
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