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Myanmar में तख्तापलट : 19 साल की युवती पर सेना ने मार दी सिर में गोली

March 04, 2021

नेपिता । चीन की मदद से लोकतंत्र को कुचलने में लगी म्‍यांमार (Myanmar ) सेना का एक वीभत्‍स चेहरा बुधवार को देखने मिला। म्यांमार में तख्तापलट के बाद लोकतंत्र बहाली और सैन्य शासन का विरोध कर रहे लोगों पर पुलिस और सेना कहर बनकर टूट रही है। बुधवार को प्रदर्शन कर रहे लोगों के लिए अबतक का सबसे बुरा दिन रहा, सेना और पुलिस की हिंसक कार्रवाई में 38 और लोगों की मौत हो गई है।
बुधवार को मांडले में सेना (rmy at Mandalay) खिलाफ मोर्चा संभालने वाली 19 साल की एंजेल (Angel) सुरक्षाकर्मियों के गोलियों का शिकार हो गईं। एंजेल अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनकी तस्‍वीर ने विश्‍वभर में लोगों को झकझोर कर रख दिया है। एंजेल की इस तस्‍वीर की तुलना चीन के थ्येनमान स्‍क्‍वायर पर टैंक के सामने खड़े उस प्रदर्शनकारी से भी हो रही है जिसने ड्रैगन के क्रूर शासन के खिलाफ विरोध की हिम्‍मत दिखाई थी।

बताया जा रहा है कि मात्र 19 साल की एंजेल (Angel)ने दशकों बाद म्‍यांमार में आए लोकतंत्र की खुली हवा में अभी सांस लेना सीखा ही था कि एक बार फिर से सेना ने तख्‍तापलट करके उनके सपनों को कुचल दिया। सेना के इस धोखे से एंजेल को रहा नहीं गया और उन्‍होंने लोकतंत्र को बचाए रखने के लिए खुद को प्रदर्शन की आग में झोक दिया।



एंजेल (Angel) ने जब मांडले में प्रदर्शन में हिस्‍सा लिया तो उन्‍होंने एक टी शर्ट पहन रखी थी जिस पर लिखा था, ‘सबकुछ ठीक हो जाएगा।’ एंजेल को आशंका थी कि वह देश की सबसे शक्तिशाली ताकत सेना से टकराने जा रही हैं और उनके साथ कुछ अनहोनी हो सकती है। इसी वजह से एंजेल ने अपनी जेब में एक पर्चा रखा था जिस पर उनका ब्‍लड ग्रुप, एक संपर्क नंबर लिखा था। साथ ही एक अनुरोध लिखा था। इसमें लिखा था, ‘अगर मेरी मौत हो जाए तो मेरे शरीर को दान कर देना।’ एंजेल को जिस बात की आशंका थी, वही सेना ने उसके के साथ किया । बुधवार को मांडले में म्‍यांमार के सुरक्षाबल हैवान बन गए और लोकतंत्र को बहाल करने की मांग कर रही एंजेल को गोली मार दी। अब सोशल मीडिया पर लोकतंत्र की खातिर उनके बलिदान की जमकर प्रशंसा हो रही है।
मांडले में जब पुलिस ने गोली चलाई तो एंजेल (Angel) ने वहां मौजूद लोगों से बैठने को कहा, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने खुद उसके ही सिर पर गोली मार दी। एंजेल ने पिछले साल पहली बार वोट दिया था और उन्‍हें उम्‍मीद थी कि उनका वोट उनके जीवन में खुशियां लाएगा।
बता दें कि म्यांमार में तख्तापलट के बाद लोकतंत्र बहाली और सैन्य शासन का विरोध कर रहे लोगों पर पुलिस और सेना कहर बनकर टूट रही है। बुधवार को प्रदर्शन कर रहे लोगों के लिए अबतक का सबसे बुरा दिन रहा, सेना और पुलिस की हिंसक कार्रवाई में 38 और लोगों की मौत हो गई है।

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