नई दिल्ली। चालू विपणन सत्र 2021-22 (current season 2021-22 ) में 15 दिसंबर तक देश का चीनी उत्पादन (country’s sugar production ) 77.91 लाख टन तक पहुंच गया, जो एक साल पहले के 73.34 लाख टन से 4.57 लाख टन ज्यादा है। भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) ने सोमवार को यह जानकारी दी।
इस्मा ने एक बयान में कहा कि देश के पश्चिमी क्षेत्र में गन्ने की पेराई पहले शुरू होने के कारण चालू सत्र का उत्पादन थोड़ा ज्यादा है। हालांकि, देश के प्रमुख चीनी उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में मौजूदा सत्र के 15 दिसंबर 2021 तक उत्पादन 19.83 लाख टन रहा। यह पिछले सत्र की समान अवधि में 22.60 लाख टन की तुलना में कम है।
इसके अलावा देश के दूसरे सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में उत्पादन उक्त अवधि में पहले के 26.96 लाख टन से बढ़कर 31.92 लाख टन हो गया। इस्मा ने कहा कि महाराष्ट्र में चीनी का ज्यादा उत्पादन की वजह राज्य में गन्ने की पेराई का काम जल्दी शुरू होने और मौजूदा चीनी सत्र में गन्ने की अधिक उपलब्धता का होना है। चीनी विपणन वर्ष अक्टूबर से सितंबर तक चलता है।
उद्योग संगठन ने कहा कि कच्ची चीनी की वैश्विक कीमतों में गिरावट आने से चीनी मिलों का नए निर्यात अनुबंधों पर हस्ताक्षर का काम ‘थोड़ा धीमा’ पड़ा है। हालांकि, चीनी के निर्यात सौदों के लिए अभी भी वक्त बचा है। अक्टूबर से शुरू चीनी सत्र 2021-22 के पहले दो महीनों में चीनी मिलों ने एक साल पहले की अवधि के 3 लाख टन की तुलना में इस बार 6.5 लाख टन से अधिक चीनी का निर्यात किया है। चीनी मिलों ने चालू सत्र में अब तक 37 लाख टन के निर्यात का अनुबंध किया है।
इस्मा ने कहा कि 15 दिसंबर को 479 चीनी मिलें गन्ने की पेराई कर रही हैं, जबकि पिछले चीनी सत्र में 460 मिलें चल रही थीं। उद्योग संगठन ने एथेनॉल के बारे में कहा कि नवंबर में समाप्त एथेनॉल सत्र 2020-21 के दौरान 302.30 करोड़ लीटर एथेनॉल की आपूर्ति की गई, जिससे 8.1 फीसदी का अखिल भारतीय औसत सम्मिश्रण स्तर प्राप्त हुआ। (एजेंसी, हि.स.)
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