-वित्त वर्ष 2022-23 में आईआईपी में 5.1 फीसदी की बढ़ोतरी
नई दिल्ली (New Delhi)। अर्थव्यवस्था के र्मोचे (economic front) पर सरकार को झटका देने वाली खबर है। देश का औद्योगिक उत्पादन (industrial production of the country) मार्च महीने में 1.1 फीसदी (rose 1.1 percent) बढ़ा है जबकि एक साल पहले की समान अवधि में इसकी वृद्धि दर 2.2 फीसदी (growth rate 2.2 percent) रही थी। हालांकि, फरवरी में औद्योगिक उत्पादन 5.6 फीसदी रहा था।
राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (एनएसओ) ने शुक्रवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी है। एनएसओ के मुताबिक औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) मार्च 2023 में 1.1 फीसदी बढ़ा है। पूरे वित्त वर्ष 2022-23 में आईआईपी में 5.1 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जबकि वित्त वर्ष 2021-22 में यह 11.4 फीसदी बढ़ा था।
आंकड़ों के मुताबिक बीते वित्त वर्ष 2022-23 के अंतिम महीने मार्च में खनन उत्पादन 6.8 फीसदी बढ़ा है जबकि बिजली उत्पादन में 1.6 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। इस दौरान विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन 0.5 फीसदी ही बढ़ा है। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक किसी अर्थव्यवस्था के औद्योगिक क्षेत्र में किसी खास अवधि में उत्पादन के स्थिति के बारे में जानकारी देता है।
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