नई दिल्ली। भारत (India) का विदेशी मुद्रा भंडार 30 जुलाई को समाप्त सप्ताह के दौरान 9.427 अरब डॉलर बढ़ा है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के साप्ताहिक सांख्यिकीय आंकड़ों के अनुसार 23 जुलाई को समाप्त सप्ताह के लिए रिपोर्ट किए गए 611.149 अरब डॉलर से भंडार घटकर 620.576 अरब डॉलर हो गया. भारत (India) के विदेशी मुद्रा भंडार (Forex Reserve) में विदेशी मुद्रा संपत्ति (FCA), स्वर्ण भंडार, विशेष आहरण अधिकार (SDR) और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के साथ देश की आरक्षित स्थिति शामिल है. आंकड़ों के मुताबिक इस दौरान स्वर्ण भंडार 76 करोड़ डॉलर बढ़कर 37.644 अरब डॉलर हो गया, वहीं अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष के पास मौजूद विशेष आहरण अधिकार (SDR) 60 लाख डॉलर बढ़कर 1.552 अरब डॉलर हो गया.
स्वर्ण भंडार भी 76 करोड़ डॉलर बढ़ 37.644 अरब डॉलर पहुंचा
इस दौरान एफसीए 8.596 अरब डॉलर बढ़कर 576.224 अरब डॉलर हो गया. डॉलर के लिहाज से बताई जाने वाली विदेशी मुद्रा संपत्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखी यूरो, पाउंड और येन जैसी दूसरी विदेशी मुद्राओं के मूल्य में वृद्धि या कमी का प्रभाव भी शामिल होता है. आंकड़ों के मुताबिक इस दौरान स्वर्ण भंडार 76 करोड़ डॉलर बढ़कर 37.644 अरब डॉलर हो गया, वहीं अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष के पास मौजूद विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 60 लाख डॉलर बढ़कर 1.552 अरब डॉलर हो गया. रिजर्व बैंक ने बताया कि आलोच्य सप्ताह के दौरान आईएमएफ के पास मौजूद भारत का विदेशी मुद्रा भंडार भी 6.5 करोड़ डॉलर बढ़कर 5.156 अरब डॉलर हो गया.
चीन का भंडार भारत की तुलना में 5 गुना बड़ा
दूसरी ओर जुलाई में चीन का विदेशी मुद्रा भंडार उम्मीद से कहीं ज्यादा तेजी से बढ़ा. शनिवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक यह जुलाई में 21.88 अरब डॉलर बढ़कर 3.236 लाख करोड़ डॉलर पहुंच गया. यह भारत के विदेशी मुद्रा भंडार से करीब 5 गुना ज्यादा है. चीन का विदेशी मुद्रा भंडार दुनिया में सबसे अधिक है.चीन के पास मौजूद करेंसीज और ग्लोबल एसेट्स की वैल्यू में बदलाव से उसका विदेशी मुद्रा भंडार उम्मीद से अधिक तेजी से बढ़ा है. जुलाई के अंत में चीन के पास 62.64 मिलियन फाइन ट्रॉय ओंस स्वर्ण भंडार था जिसकी कीमत 114.37 अरब डॉलर है. इस तरह चीन का स्वर्ण भंडार भी भारत की तुलना में तीन गुना है.
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