भोपाल। लम्बे समय से बीमार चल रही देश की पहली महिला क्रिकेट कमेंटेटर चंद्रा नायडू (Chandra Naidu) का रविवार को निधन हो गया। उन्होंने 88 वर्ष की उम्र में दोपहर में इंदौर के एक निजी अस्पताल में उपचार के दौरान अंतिम सांस ली। बीसीसीआई (BCCI) के पूर्व सचिव संजय जगदाले (Secretary Sanjay Jagdale) ने उनके निधन पर शोक जताया है। बतादें कि चंद्रा नायडू भारतीय क्रिकेट (Chandra Naidu Indian Cricket Team) टीम के पहले कप्तान कर्नल सीके नायडू (Captain Colonel CK Naidu) की पुत्री थीं। वे अपनी पुत्री को बेटा मानते थे। चंद्रा इंदौर के शासकीय कन्या महाविद्यालय से अंग्रेजी की प्राध्यापक पद से सेवानिवृत्त हुई थीं। उन्होंने अपने पिता महान क्रिकेटर सीके नायडू पर पुस्तक भी लिखी थी। जिसका शीर्षक ‘अ डॉटर रेमेम्बर्स’ था। उन्होंने क्रिकेट कमेन्ट्री हमेशा से एक चैलेंज के तौर पर लिया। जिसे उन्होंने बखूबी निभाया। चंद्रा नायडू ने अपनी लिखी गई किताब में पिता की जीवनी के बारे में बताया है जिसमें उन्होंने लिखा है कि वे अपने पिता से काफी डरती थी, लेकिन उन्हें गर्व है कि वो एक महान के क्रिकेटर की बेटी है।बीसीसीआई के पूर्व सचिव संजय जगदाले ने कहा कि जब मैं रणजी ट्राफी में खेला करता था तो चंद्रा नायडू कमेंट्री करती थीं। वे मप्र क्रिकेट संगठन (एमपीसीए) की भी सदस्य थीं। पहले महिला क्रिकेट नहीं होता था, उस दौर में उन्होंने महिला क्रिकेट की शुरुआत की और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित किया। जब इंदौर में पहली बार टेस्ट मैच हुआ तो उनके पिता कर्नल नायडू की पहली किट सभी के लिए प्रदर्शित की गई थी। तब उन्हें भी आमंत्रित किया गया था। मगर सेहत ठीक नहीं होने से वे नहीं आ सकीं। वे घर पर ही रहती थीं और कम ही लोगों से मिलना होता था।(हि.स.)