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PM Modi की अगुवाई में देश ले रहा विकास की नई करवट : शिवराज

October 06, 2021

– जनजातीय समाज के चहुंमुखी विकास, उत्थान और उनके मान-सम्मान की रक्षा के लिये राज्य सरकार कटिबद्ध

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि राज्य शासन जनजातीय समाज के विकास, उत्थान और उनके मान-सम्मान की रक्षा के लिये कटिबद्ध है। वनवासी अंचलों का तेजी से विस्तार किया जा रहा है और आगे भी किया जाता रहेगा। उन्होंने कहा कि आज मैंने तीर कमान पर चढ़ाया है, जिससे मध्यप्रदेश में विकास परवान चढ़ें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में देश विकास के लिए नई करवट ले रहा है। मैं आज दोनों बाहें फैलाकर जनजातीय समाज का आह्वान करता हूँ कि वे अपनी ज़िंदगी बदलें। मध्यप्रदेश की सरकार उनके लिए योजनाओं की बिसात बिछाकर बैठी है।

चौहान मंगलवार को झाबुआ में जनजातीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने सम्मेलन में 140 करोड़ रूपये से अधिक की लागत के अनेक विकास कार्यों का लोकार्पण तथा शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि 15 नवम्बर को जनजातीय गौरव दिवस धूमधाम से मनाया जाएगा। इस अवसर पर भोपाल में एक विशाल समागम होगा। इस समागम के लिए उन्होंने समस्त वनवासी समाज को निमंत्रण भी दिया।


छोटे मामले लिये जाएंगे वापस
मुख्यमंत्री ने कहा कि अनेक छोटे-छोटे मामलों में जनजातीय समाज को कोर्ट – कचहरी के चक्कर लगाने पड़ते हैं, ऐसे मामले जो गंभीर प्रकृति के नहीं हैं उन्हें वापस लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि झाबुआ के स्व. दिलीप सिंह भूरिया ने पेसा एक्ट को बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। सन् 1996 में बना यह एक्ट तत्कालीन सरकार ने लागू नहीं किया, लेकिन हमारी सरकार इसे लागू करेगी।

उन्होंने कहा कि यह एक्ट किसी भी समाज के ख़िलाफ़ नहीं हैं, इसे सामाजिक न्याय और समरसता के साथ लागू किया जाएगा। गाँव की जनता ही गाँव का विकास तय करेगी। गाँव का पैसा गाँव में ही ख़र्च होगा। तेंदूपत्ता के कारोबार का पैसा वन समितियों के माध्यम से वनवासियों को दिलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि 15 नवंबर से “सिकल सेल मिशन” प्रारम्भ किया जाएगा। इसमें विशेष रूप से जनजातीय समाज में होने वाली सिकल सेल बीमारी का नि:शुल्क इलाज कराया जाएगा।

जनजातीय समाज की सुविधाओं का तेजी से विस्तार
चौहान ने कहा कि तत्कालीन सरकारों ने कभी भी वनवासियों को आगे नहीं बढ़ने दिया। हमारी सरकार ने जनजातीय समाज के विकास के लिए हर मुमकिन प्रयास किये हैं और आगे भी किये जाते रहेंगे। झाबुआ अंचल में सिंचाई सुविधा, स्कूल, कॉलेज, आश्रम, छात्रावास, सड़कें इत्यादि मूलभूत सुविधाओं का तेजी से विस्तार किया है। हमारी सरकार ने ही दूसरे गाँवों में पढ़ने जाने वाली बेटियों के लिए नि:शुल्क साइकिल योजना चालू की, छात्रवृत्ति बढ़ाई और अब इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज की फ़ीस भी सरकार जमा कर रही है। यही नहीं हम वनवासी समाज के बच्चों को विदेश में पढ़ने के अवसर भी उपलब्ध करा रहे हैं।

सर्वे कर नये नाम जोड़े जाएंगे
मुख्यमंत्री ने कहा है कि 2011 की सर्वे सूची में जिन गरीबों के नाम नहीं है, सर्वे कराकर ऐसे गरीबों के नाम जोड़ने का काम शुरू किया जा रहा है। इस संबंध में जिला प्रशासन को निर्देश दिये गये हैं। हर परिवार को मकान बनाने के लिए सरकार प्लॉट आवंटित करेगी। जो व्यक्ति संयुक्त परिवार में निवासरत् है, उन्हें अलग-अलग परिवार की श्रेणी में लेकर प्लांट के साथ आवास निर्माण के लिये राशि उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि इस साल झाबुआ के ग्रामीण अंचल में 24 हज़ार आवास बन रहे हैं। आवास बनाने का यह सिलसिला निरंतर जारी रहेगा।

नामांतरण और बँटवारे के लिये चलेगा अभियान
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग 7 अक्टूबर से नामांतरण और बँटवारे का अभियान चलाएगा। जन-प्रतिनिधि इसकी निगरानी करें, इसमें कहीं पर भी लेन-देन की शिकायत मिली तो उसे नौकरी करने लायक नहीं छोड़ेंगे।

हर साल होगा झाबुआ उत्सव
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि वनवासी अंचल की संस्कृति आनंद की संस्कृति है। यहाँ हर साल झाबुआ उत्सव मनाया जाएगा। इसमें स्थानीय कलाकारों को अवसर मिलेगा। उन्होंने गरीबों की राशन पर्ची को बनाने के संबंध में भी झाबुआ कलेक्टर को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिन गरीबों के नाम पात्रता पर्ची में छूट गए हैं, उनके नाम जोड़े जाएं। मामा के ख़ज़ाने में गरीबों के लिए राशि की कमी नहीं है। अब दूर-दराज़ के गाँवों में “राशन आपके द्वार” योजना लागू की जाएगी। गाँवों में गाड़ियों में राशन भरकर घर-घर भेजा जाएगा। राशन परिवहन के लिए क्षेत्र के युवाओं की गाड़ी लगाई जाएगी। इन युवाओं को गाड़ी के लिये बैंक से ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। राशन वितरण के लिये प्रत्येक युवक को 26 हजार रुपये प्रतिमाह दिये जाएंगे, जिससे वह बैंक की किश्त अदा करने के बाद अपना परिवार भी चला सकेगा।

महुआ से मदिरा बनाने की छूट दी जाएगी
चौहान ने कहा कि वनवासी समाज में जन्म-मृत्यु और पूजा के अनेक अवसरों पर मदिरा की ज़रूरत पड़ती है। ऐसे में इस समाज की संस्कृति और परंपरा के निर्वाह के लिए महुआ से मदिरा बनाने की छूट भी दी जाएगी। इसके लिये आबकारी नीति में संशोधन किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने सांसद गुमान सिंह डामोर की माँग पर स्थानीय महाविद्यालय में आवश्यकतानुसार स्नातकोत्तर क्लासेस खोले जाने की घोषणा भी की।

मुख्यमंत्री ने दी सौगात
मुख्यमंत्री ने झाबुआ जिले में मुख्य रूप से शिक्षा सुविधा के विस्तार, सड़कों के सुदृढ़ीकरण, पेयजल व्यवस्था को सुगम बनाने, स्वास्थ्य, जनजातीय विकास आदि क्षेत्रों के लिये बड़ी सौगातों के रूप में विभिन्न विकास कार्यों का एक साथ लोकार्पण और भूमि-पूजन किया। उन्होंने कार्यक्रम में 107 करोड़ रुपये से अधिक लागत के 38 कार्यों का शिलान्यास और भूमि-पूजन किया। इसमें उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के नये भवन तथा अतिरिक्त कक्ष, आदिवासी कन्या एवं सीनियर छात्रावास के नवीन भवन संबंधी 60 करोड़ 77 लाख रुपये लागत के 19 कार्य, जल-जीवन मिशन में हर घर में नल से जल के लिये 13 करोड़ 68 लाख रूपये लागत के 14 कार्य तथा सड़क निर्माण संबंधी 33 करोड़ 46 लाख रुपये लागत के 5 कार्य शामिल है। इसी तरह मुख्यमंत्री ने 32 करोड़ 14 लाख रूपये लागत के 12 विकास कार्यों का लोकार्पण भी किया। इनमें 3 ऑक्सीजन प्लांट, दो नये आँगनवाड़ी भवन, सड़क और ब्रिज, बालक छात्रावास, उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भवन, वृद्धाश्रम भवन और पुस्तकालय भवन आदि कार्य शामिल है। (एजेंसी, हि.स.)

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