इंदौर। c भोपाल (Ministry of Housing Bhopal) ने नगर निगम (municipal Corporation) को चार प्रमुख सडक़ों के निर्माण हेतु 171 करोड़ का लोन लेने की मंजूरी दे दी है। अब नगर निगम टेंडर जारी कर वित्तीय संस्थाओं (financial institutions) यानी बैंकों से ऑफर प्राप्त करेगा और सबसे कम ब्याज दर देने वाली संस्था से ये लोन लेगा, जिससे मास्टर प्लान की तीन प्रमुख सडक़ों के साथ-साथ आरई-2 का निर्माण किया जाएगा। नगर निगम लोन की राशि के पुनर्भुगतान के लिए बेटरमेंट टैक्स की राशि जमीन मालिकों से वसूल (recovered from owners) कर सकेगा या अन्य तरीके से भी वित्तीय व्यवस्था कर सकता है, लेकिन शासन से कोई सहायता नहीं मिलेगी। निगम को अपने स्तर पर ही लोन लेकर उसका पुनर्भुगतान करना पड़ेगा।
वर्षों पहले इंदौर के मास्टर प्लान (master plan) में 12 एमआर के साथ अन्य सडक़ों के प्रावधान किए गए, जिनमें से कुछ एमआर तो प्राधिकरण ने बना दिए, मगर कुछ अधूरे, तो बाकी बन ही नहीं सके। पिछले दिनों कलेक्टर मनीष सिंह (Collector Manish Singh) ने शहर की प्रमुख सडक़ों के निर्माण को लेकर बैठक बुलाई, जिसमें तय किया गया कि नगर निगम इन सडक़ों का निर्माण करे। हालांकि आरई-2 का एक हिस्सा इंदौर विकास प्राधिकरण (Indore Development Authority) बना रहा है। मौके पर काफी कुछ काम हो भी चुका है और अब शेष हिस्सा नगर निगम को बनाना है। इसके बदले वह जमीन मालिकों से बेटरमेंट टैक्स वसूल करेगा। पिछले दिनों नगर निगम ने शासन से इन सडक़ों के निर्माण के लिए लोन लेने की प्रशासकीय स्वीकृति (administrative approval) मांगी थी। निगमायुक्त प्रतिभा पाल के मुताबिक नगरीय विकास एवं आवास मंत्रालय ने 171 करोड़ रुपए के लोन लेने की मंजूरी निगम को दे दी है। इस राशि से 4 महत्वपूर्ण सडक़ों का निर्माण किया जाना है, जिनमें एमआर-3, एमआर-5, एमआर-9 के अलावा आरई-2 शामिल है।
नगर पालिक अधिनियम (municipal act) 1956 की धारा 104 के प्रावधान के मुताबिक शासन ने निगम को वाणिज्यिक ऋण लेने की मंजूरी दी है, जिसका पुनर्भुगतान बेटरमेंट टैक्स या निगम स्वयं अपने स्तर पर करेगी और शासन पृथक से कोई वित्तीय सहायता नहीं देगा। निगम को लोन प्राप्त करने से पहले खुली निविदा यानी टेंडर के जरिए पारदर्शिता अपनाते हुए लोन प्राप्त करने की कार्रवाई करना होगी। इस संबंध में निगम के अपर आयुक्त वित्त वीरभद्र शर्मा ने बताया कि शासन की मंजूरी के बाद अब निगम टेंडर जारी कर वित्तीय संस्थाओं यानी बैंकों से ऑफर बुलवाएगा और जिस संस्था की सबसे न्यूनतम ब्याज दर व शर्तें रहेंगी उससे निगम लोन लेने की प्रक्रिया करेगा। इधर ये चारों सडक़ें इंदौर के यातायात और बढ़ते विस्तार के लिए अत्यंत जरूरी है।
बांगड़दा रोड (bangarda road) पर जाने के लिए अभी जर्जर सडक़ है। एमआर-5 बनने से सुपर कॉरिडोर (super corridor) से शहर का मध्य क्षेत्र सीधे जुड़ जाएगा। इसी तरह एमआर-3 जो पिपल्यापाला रीजनल पार्क (Piplyapala Regional Park) से बायपास तक बनना है, इसकी भी पौने 5 किलोमीटर की सडक़ बनने से जहां बायपास तक पहुंचना आसान होगा, वहीं इससे एबी रोड, खंडवा रोड (Khandwa Road) व रिंग के का यातायात का दबाव भी कम होगा। वहीं आरई-2 बनने से भी भिचौलीहब्सी, पालदा सहित अन्य क्षेत्र का यातायात सुगम होगा।
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