इंदौर। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कल अपने जन्मदिन पर सालरिया स्थित गौ अभ्यारण्य में शुद्ध घी से बने 6100 लड््डुओं का भोग गौमाताओं को लगाया और 59 करोड़ रुपए के विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन भी किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि गौशालाओं को आहार अनुदान की राशि 20 से बढ़ाकर 40 रुपए कर दी गई है और जो व्यक्ति अपने घर में 10 से अधिक गौवंश पालेगा उसे सरकार अनुदान देगी और इंदौर सहित प्रदेश के सभी बड़े शहरों में नगर निगम ऐसी गौशालाओं का निर्माण करेगा जहां 10-10 हजार गौवंश पाले जा सकें।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि भारत-भूमि की सनातन संस्कृति में जन्म होना हमारा सौभाग्य है, मेरा परम सौभाग्य है कि प्रदेश के सबसे बड़े गौ-अभ्यारण्य में जन्मदिन पर साधु-संतों एवं गौ-माता का आशीर्वाद प्राप्त किया। ये हमारी संस्कृति को न केवल पुष्पित-पल्लवित करते है, बल्कि हमें आगे बढऩे की प्रेरणा देते है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सालरिया में गौ-माताओं को शुद्ध घी से बने 6100 लड््डुओं का भोग लगाया, उन्होंने सालरिया में 58 करोड़ 93 लाख रूपये के निर्माण कार्यों का लोकार्पण और भूमि-पूजन किया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने 186 स्व-सहायता समूहों को 6 करोड़ 12 लाख रूपये का बैंक ऋण वितरण किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कन्या-पूजन कर उपहार भेंट किये। उन्होंने जनकल्याणकारी योजनाओं पर आधारित प्रदर्शनी का अवलोकन किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव सोमवार को जन्मदिन पर गौ-अभयारण्य सालरिया (सुसनेर) में एक वर्षीय वेदलक्षणा महा-महोत्सव अन्तर्गत गौ-कथा उपसंहार कार्यक्रम में शामिल हुए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ यज्ञ हवन किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गौमाता में हमारे 33 कोटि देवी-देवता विराजमान है, गौमाता अपने आंचल से हमको जीवन देती है, यह प्रकृति के समान हमको जीना सिखाती है। उन्होंने कहा कि जो गाय पालते हैं, वे सभी गोपाल हैं। जिन घरों में गाय का कुल है, वह गोकुल हैं। हमें हर घर को गोकुल बनाना है। जिस गांव में कोई विवाद न हों, जहां हर घर में गौमाता हों, ऐसे गांव को हम वृंदावन बनाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने हर-घर में गौवंश बढ़ाने का निर्णय लिया है, इसके लिये निंरतर कार्य कर रही है, गौशालाओं को आहार अनुदान की राशि 20 से बढ़ाकर 40 रुपए की गई है। जो व्यक्ति घर में 10 से अधिक गौवंश पालेगा, उसे भी सरकार अनुदान राशि देगी।
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