इंदौर। इंदौर (Indore) नगर निगम (Municipal council) द्वारा महू तहसील (Mhow Tehsil) के ग्राम आशापुरा में 42 करोड़ रुपए की लागत से गोशाला (Cow shed) का निर्माण किया जाएगा। इस गोशाला में 10000 गाय (10 thousand cows) रखी जा सकेंगी। गोशाला में गायों की देखरेख से लेकर सुख-सुविधा तक के लिए प्रावधान किया गया है। यहां गायों के लिए भोजन से लेकर पानी तक की पूरी व्यवस्था रहेगी। गोशाला में गायों की पूजा के लिए अलग से केंद्र बनाया जाएगा।
बीमार गाय की बेहतर तरीके से देखरेख करने के लिए एक अलग शेड रखा गया है। इस शेड में डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ और दवाई की व्यवस्था रहेगी। इसके अतिरिक्त इस गोशाला में प्रशासनिक कार्यालय, वहां काम करने वाले लोगों के लिए निवास की व्यवस्था का भी प्रावधान रखा गया है। गोशाला का भव्य प्रवेश द्वार बनाया जाएगा। गोशाला के क्षेत्र में एक तालाब भी है, जिसका सौंदर्यीकरण किया जाएगा। पूरे गोशाला परिसर में सघन पौधारोपण किया जाएगा और आंतरिक पहुंच मार्ग का निर्माण किया जाएगा। हमेशा त्योहार और विशेष अवसर पर बड़ी संख्या में लोग गोशाला में गोमाता के पूजन के लिए पहुंचते हैं। ऐसे लोगों की सुविधा के लिए गोपूजन केंद्र का निर्माण किया जाएगा। इस केंद्र को इस तरह से बनाया जाएगा कि एक साथ चार-पांच गाय वहां पर खड़ी हो सकें और नागरिक सुविधा के साथ इन गोमाता का पूजन कर सकें। इसके अतिरिक्त रसोई कक्ष और बैठक कक्ष का निर्माण भी किया जाएगा। इस गोशाला का विकास चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा। नगर निगम द्वारा तैयार कराए गए प्रोजेक्ट के अनुसार इस पूरी गोशाला के विकास में 42 करोड रुपए खर्च होंगे।
अभी निगम के पास है एक गोशाला
इंदौर नगर निगम के पास अभी यशवंत सागर के समीप ग्राम खजूरिया में एक गोशाला है। इस गोशाला में इस समय गायों की संख्या 2000 हो गई है। यह गोशाला भी किसी समय पर अव्यवस्थाओं के लिए पहचानी जाती थी। पिछले 2 साल के दौरान निगम द्वारा इस गोशाला का संचालन व्यवस्थित तरीके से करने की व्यवस्था की गई है। अब इस गोशाला में गोमाता की सही तरीके से देखरेख हो पा रही है।
सबसे व्यवस्थित गोशाला होगी
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा है कि ग्राम आशापुरा में नगर निगम द्वारा विकसित की जाने वाली गोशाला न केवल सबसे बड़ी गोशाला होगी, बल्कि सबसे ज्यादा व्यवस्थित और बेहतर गोशाला होगी। हमारा लक्ष्य इस गोशाला की स्थापना करना ही नहीं है, बल्कि इस गोशाला में गाय माता की सही तरीके से देखरेख करना भी है।
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