बापू मुराई कालोनी के लोग बिफरे
लोगों का कहना था कि जब्त मूर्ति वापस दी जाए, मेयर की समझाइश पर भी नहीं माने, आज शाम 4 बजे तक का समय मांगा
इंदौर। कल शाम अचानक निगम मुख्यालय में बापू मुराई कॉलोनी (Bapu Murai Colony) के कई लोग बड़ी संख्या में पहुंच गए और एमआईसी (MIC) हॉल के नजदीक ही महापौर पुष्यमित्र भार्गव (Mayor Pushyamitra Bhargava) को घेरकर शिकायत करने लगे। गत दिनों निगम की टीम बापू मुराई कॉलोनी के मंदिर के हिस्से को तोडक़र वहां से माता की प्रतिमा ले आई थी, जिसको लेकर लोग गुस्से में थे। लोगों ने महापौर से कहा कि उन्हें मूर्ति वापस दी जाए तो उन्होंने कहा कि वे मामला दिखवाते हैं। महापौर जब गाड़ी में बैठकर जाने लगे तो गाड़ी को लोगों ने घेर लिया और हंगामा करते रहे।
एरोड्रम की बापू मुराई कॉलोनी के रहवासियोंं का कहना था कि वहां करीब 50 साल पुरानी माताजी की प्रतिमा है, जिसे वहां लोगों ने सार्वजनिक स्थान पर मंदिर बनाकर स्थापित किया था और गत दिनों निगम की टीम वहां पहुंची और मंदिर के हिस्से को तोडक़र माताजी की मूर्ति साथ ले आई थी। इस मामले में लोग गुस्से में थे और कालोनी से इकट्ठे होकर निगम मुख्यालय पहुंचे। शाम 6.30 बजे महापौर पुष्यमित्र भार्गव एमआईसी कक्ष से बाहर आ ही रहे थे कि लोगों ने उन्हें घेरकर अपनी बात कहना शुरू कर दी। लोगों का कहना था कि निगम की टीम वर्षों पुरानी प्रतिमा को वहां से अपने साथ ले आई है और कई दिनों से लोग प्रतिमा लेने के लिए परेशान हो रहे हैं। इस पर महापौर ने कहा कि वे मामला दिखवाते हैं तो लोग नहीं माने और हंगामा ज्यादा बढ़ गया।
निगम की टीमें तलब हुईं… कौन लाया मूर्ति.. हो रही पूछताछ
कल शाम निगम में हुए हंगामे के बाद रिमूवल विभाग की सभी टीमों के सुपरवाइजरों को सूचना भेजी गई कि वे जानकारी दें कि कौन सी टीम चार से पांच दिनों के अंतराल में बापू मुराई कॉलोनी में मंदिर के हिस्से में कार्रवाई करने पहुंची थी और वहां से मूर्ति लेकर आए हैं। इस पर सभी से जवाब मांगा गया है। आज शाम 4 बजे तक रहवासियों को मूर्ति लौटाने का आश्वासन अधिकारियों ने दिया है।
महिलाएं चिल्लाते हुए गाड़ी के आगे हो गईं जमा
महापौर भार्गव जब अपने वाहन में बैठकर जाने लगे तो कई लोग नीचे आकर उनकी गाड़ी के आगे जमा हो गए। महिलाएं उनकी गाड़ी के आगे खड़ी होकर जोर-जोर से चिल्लाने लगीं। वहां मौजूद अधिकारियों ने समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं मानी तो फिर महापौर कार से उतरकर उनके बीच पहुंचे और उन्हें समझाइश देते रहे। महापौर ने गुस्से में आए लोगों को आश्वस्त किया कि वे प्रतिमा वापस दिलवाने के साथ-साथ मंदिर के तोड़े गए हिस्से को पुन: बनवाने के बारे में बात करेंगे, लेकिन वहां आए लोग इतने गुस्से में थे कि उनकी बात मानने को तैयार नहीं हुए। इस पर महापौर ने उपायुक्त लता अग्रवाल और रिमूवल अधिकारी बबलू कल्याणे को बुलवाया और पूछा कि कौन-सी टीम मूर्ति जब्त करके लाई है तो दोनों अफसरों ने कहा कि वे मामला दिखवाते हैं, क्योंकि रिमूवल में 300 से ज्यादा कर्मचारी है। कौन सी टीम ने कार्रवाई की है, उन्हें जानकारी नहीं है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved