उज्जैन। शहर में तीन दिन पहले अचानक आई तेज आंधी (strong storm) और बारिश (Rain) से शहर में कई स्थानों पर छोटे-बढ़े पेड़ों गिर गए थे। नगर निगम कंट्रोल रूम से प्राप्त जानकारी के अनुसार करीब 1000 बढ़े पेड़ तो जड़ से उखड़कर ही सड़क पर गिर पड़े थे। वहीं 2000 से अधिक पेड़ों की शाखाएं टूटकर हाई टेंशन लाइन (high tension line) पर जा गिरी थी। अभी भी ऐसी शाखाएं या तो बिजली के तारों पर लटक रही है या फिर पेड़ों पर झूल रही है।
शहर के पर्यावरणविदें में इस बात को लेकर नाराजगी है कि नगर निगम चाहता तो कई पेड़ों को ट्रांसप्लांट करके बचाया जा सकता था, लेकिन इस दिशा में कोई ध्यान नहीं दिया गया। लॉकडाउन का समय नहीं होता तो इस हानि के साथ जनहानि भी जुड़ जाती। इधर निगम के लापरवाही इंजीयिनयर्स एवं अधिकारियों के हालात यह है कि शहर में अभी भी जोन 4 और 6 में पेड़ों का हटाने का काम चल रहा ह। बताया जा रहा है कि यह काम करीब तीन दिन ओर चलेगा।
12 जेसीबीए 12 डंपर और 150 कर्मचारी सतत लगे हुए
नगर निगम के उद्यान विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस काम के लिए नगर निगम ने 150 से ज्यादा कर्मचारी काम पर लगाए है। उद्यान विभाग ने 6 टीम बनाकर कर्मचारियों को काम पर लगाया है। हर टीम के साथ एक जेसीबी, एक डंपर और एक हाईड्रालिक क्रेन लगी हुई है।
इस संबंध में उद्यान विभाग की उपयंत्री विधु कोरव ने बताया कि तेज हवा आंधी और बारिश की वजह से सभी पेड़ों की जड़ें पूरी तरह से उखड़ गई थीं। दस प्रतिशत ही जड़ें जीवित रह गई । इसलिए इन पेड़ों को बचाया नहीं जा सका। केवल बरगद के पेड़ का ही ट्रांस प्लांटेशन किया जा सकता है, लेकिन अधिकांश गिरे हुए पेड़ नीम,पीपल और ईमली के थे। अभी भी गिरे हुए पेड़ों को हटाने का काम निरंतर जारी है।
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