इंदौर। महाकाल मंदिर (Mahakal Mandir) में भस्माआरती (Bhasmaarti) के दौरान लगी आग में झुलसे 12 पुजारी और सेवकों को इलाज के लिए इंदौर (Indore) के अस्पताल (Hospital) मेें भर्ती किया गया है। उनमें से दस पुजारियों की हालत ठीक है, दो पुजारी तीस से चालीस प्रतिशत तक झुलसे है और उन्हें डायबिटीज भी हैै, इसलिए उनका ज्यादा ध्यान रखा जा रहा है। बुधवार को ठीक हो चुके मरीजों को डिस्चार्ज किया जा सकता हैै।
भस्माआरती के दौरान भभकी आग की चपेट में गर्भगृह में खड़े कुछ पुजारी आ गए थे। पहले उन्हें उज्जैन (Ujjain) के जिला अस्पताल ले जाया गया था, फिर उन्हें इंदौर के अरबिंदो अस्पताल में रैफर किया गया। मंगलवार को पुजारियों को देखने मुख्यमंत्री मोहन यादव (CM Mohan Yadav) भी इंदौर आए थे और उन्होंने पुजारियों से घटना के बारे में भी जानकारी ली।
अरबिंदो अस्पताल के डाॅ. विनोद भंडारी ने बताया कि दो पुजारी चिंतामण और सत्यनारायण को डायबीटिज है। जलने से उन्हें जो घाव हुए है वे जल्दी ठीक हो जाए और किसी तरह का इंफेक्शन न हो। इस बात का ध्यान रखा जा रहा है। बाकी अन्य पुजारियों और सेवकों की हालत पहले से बेहतर है। बुधवार को चेकअप के बाद उन्हें छुट्टी दी जा सकती है।
होली पर भस्माआरती के दौरान लगी आग को लेकर उच्चस्तरीय जांच भी शुरू हो गई है। भविष्य मेें फिर इस तरह की घटना न हो, इसलिए रंगपंचमी पर गृभगृह के बाहर से रंग-गुलाल उड़ाने पर रोक लगा दी गई है। भस्माआरती के दौरान भी काफी मात्रा मेें गुलाल उड़ाया गया था। केमिकल युक्त गुलाल के आग में संपर्क आने के कारण अचानक आग भभक गई थी।
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