जयपुर । पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Former Chief Minister Ashok Gehlot) ने कहा कि राजस्थान में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति (The condition of Health Services in Rajasthan) दिनोंदिन बिगड़ती जा रही है (Is Deteriorating day by day) । राज्य की चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली पर मौजूदा मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को आड़े हाथों लेते हुए गहलोत ने कहा कि आम जनता इलाज के लिए भटक रही है।
गहलोत ने आईफा कार्यक्रम पर खर्च किए गए 100 करोड़ रुपए पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर यह राशि सरकारी अस्पतालों को मिलती तो जनता को ज्यादा राहत मिलती। उन्होंने कहाकि सरकार को इवेंट मैनेजमेंट की जगह जनता की स्वास्थ्य सेवाओं पर ध्यान देना चाहिए। गहलोत ने राज्य के सरकारी अस्पतालों में दवाओं की कमी, डॉक्टरों की कमी और अन्य सुविधाओं की कमी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि आम जनता को इलाज के लिए निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ रहा है, जो उनकी जेब पर भारी पड़ रहा है।
गहलोत ने राज्य सरकार पर स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर असंवेदनशील होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार को जनता की परेशानियों से कोई सरोकार नहीं है और वे केवल इवेंट मैनेजमेंट में व्यस्त हैं। गहलोत के इस बयान ने राजस्थान की राजनीति में एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। भाजपा ने गहलोत के आरोपों को निराधार बताया है और कहा है कि सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
गहलोत के बयान से राज्य की जनता में चिंता बढ़ गई है। वे सरकार से स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की मांग कर रहे हैं। अब यह देखना होगा कि राज्य सरकार गहलोत के आरोपों पर क्या प्रतिक्रिया देती है और स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए क्या कदम उठाती है।
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