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    भाजपा में उग्र हिंदुत्व की होड़ शुरू! सबसे तेज दौड़ रहे हिमंता बिस्‍वा, योगी को पीछे छोड़ेंगे मोहन यादव?

  • August 29, 2024

    नई दिल्ली: 2024 लोकसभा चुनावों (2024 Lok Sabha elections) के बाद भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) में बहुत कुछ बदला है. लोकसभा चुनावों में शिकस्त मिलने के बाद केंद्र में सरकार तो बन गई पर फैसले लेने में सरकार पहले जैसी कॉन्फिडेंट नहीं दिख रही है. यही कारण है कि लगातार कई मौकों पर सरकार को यू टर्न लेना पड़ा है.पार्टी के अंदर संघर्ष भी शुरू हो गया है. उत्तर प्रदेश में तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनके दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक ने मोर्चा खोल रखा है पर अभी शांति है. इस बीच पार्टी में मुख्यमंत्रियों के बीच उग्र हिंदुत्व का पोस्टर बॉय (Poster boy of radical Hindutva) बनने की होड़ लगी हुई है.

    असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा (Assam Chief Minister Himanta Biswa Sarma) और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव (Madhya Pradesh Chief Minister Mohan Yadav) ने पिछले दिनों ऐसे फैसले लिए हैं और ऐसे बयान दिए हैं कि योगी आदित्यनाथ भी फीके पड़ जा रहे हैं. कहा जा रहा है कि दोनों मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हिंदुत्व से आगे निकलना चाहते हैं.यही नहीं योगी आदित्यनाथ भी इधर कुछ दिनों से लगातार उग्र हिंदुत्व की राह पर है.इस तरह पर तीन मुख्यमंत्रियों के बीच उग्र हिंदुत्व का झंडाबरदार बनने की होड़ लगी हुई है.

    जन्माष्टमी के दिन मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में जो रहना चाहते हैं, उन्हें हिंदू , भगवान राम और कृष्ण की जय कहना होगा. उन्होंने यह भी कहा कि इस देश के नागरिक अपने-अपने धर्मों के पालन के लिए स्वतंत्र हैं लेकिन वह देशभक्त रहें. इसके साथ यह भी कह गए कि खाता कहीं और का बजाता कहीं और का यह नहीं चलेगा.हालांकि मोहन यादव ने यह भी कहा कि देश हिंदू और मुसलमानों के बीच अंतर नहीं करता है, लेकिन उसे ऐसे लोगों की जरूरत है जो ईश्वर, उसकी रचना, ब्रह्मांड को समझें. उन्होंने कहा कि रहीम और रसखान का जन्म यहीं हुआ था.


    बीते दिनों छतरपुर में पुलिस पर पत्थरबाजी के आरोपियों के करोड़ों के घर सरकार ने तोड़ दिए. इस घर में रखी करोड़ों की गाड़ियों को भी बुलडोज कर दिया गया. पत्थरबाजी का आरोपी चूंकि मुसलमान था इसलिए कुछ लोगों को इस कार्रवाई में धार्मिक एंगल भी दिखा. सिर्फ छतरपुर ही नहीं, इंदौर में भी एक अतिक्रमणकारी ने प्रशासन पर गोली चलवाई थी, उसकी कोठी को भी प्रशासन ने ध्वस्त कर दिया. इसका सीधा मतलब है कि कानून व्यवस्था को हाथ में लेने वाले लोगों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

    मोहन यादव ने ने मध्यप्रदेश के सीएम पद की शपथ लेने के साथ ही अपने इरादे जता दिए थे. उनके शुरूआती एक्शन में ही योगी की छाप दिखी थी.शपथ लेते ही उन्होंने खुले में मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगाना और लाउडस्पीकर पर बैन का फैसला लिया था. उसके बाद लगातार उन्होंने ऐसे फैसले लिए जो उन्हें हिंदू पोस्टर बॉय बनने की उनकी इच्छाशक्ति को दिखाता है.

    इतना ही नहीं मोहन यादव ने एमपी में भगवान राम और कृष्ण से जुड़े तीर्थ स्थलों की तरह विकसित करने का काम करने का बीड़ा उठाया है.उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान के 7 मंदिरों को जोड़े जाने का एक्शन प्लान बनाया जा रहा है. संघ के विचारकों और प्रमुख पदाधिकारियों की किताबें मध्य प्रदेश के कॉलेजों में पढ़ाने का भी फैसला लिया गया है. इसके साथ ही मध्य प्रदेश के मदरसों में गैर मुस्लिम बच्चों की धार्मिक शिक्षा देने पर रोक लगाया जा रहा है.

    उग्र हिंदुत्व की पिच पर असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा बहुत कुछ ऐसा कर रहे हैं जो इसके पहले देश के किसी नेता ने नहीं किया होगा.सरमा ने मंगलवार को राज्य विधानसभा में कहा कि वे मियां मुसलमानों को राज्य पर कब्ज़ा नहीं करने देंगे. नागांव जिले के धींग इलाके में हुई 14 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार की घटना और हाल ही में ऊपरी असम में हुई एक घटना की पृष्ठभूमि में राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा करने के लिए विपक्षी कांग्रेस और एआईयूडीएफ द्वारा लाए गए स्थगन प्रस्तावों पर राज्य विधानसभा में बोलते हुए, असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि – मैं असम को मियां लोगों की भूमि नहीं बनने दूंगा.


    हिमंता के लिए हिंदुत्व का पोस्टर बॉय बनने की धुन आज की नहीं है. भारतीय जनता पार्टी जॉइन करने के बाद से ही उन्होंने हार्डकोर हिंदुत्व की राह पकड़ ली थी. मुस्लिम आबादी को लेकर लगातार बयान,चाइल्ड मैरेज के नाम पर मुस्लिम शादियों में रुकावट डालने की कोशिश या सीएए और एनआरसी की बात रही हो, कांग्रेस से बीजेपी में आए हिमंता मुस्लिम समुदाय के खिलाफ इस तरह से आग उगलते हैं जिसका मुकाबला जन्मजात भाजपाई भी नहीं कर सकते.

    अभी पिछले हफ्ते की ही बात है हिमंता ने निजी स्वामित्व वाले विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेघालय (यूएसटीएम) से पढ़ाई करने वाले छात्रों को असम सरकार की नौकरियों में रोक लगाने की बात कही.एनआईआरएफ के तहत शीर्ष 200 विश्वविद्यालयों में से एक है. यह संस्थान असम के एक बंगाली-मुस्लिम महबुबुल हक के स्वामित्व वाले फाउंडेशन द्वारा संचालित है, जो संस्थान के चांसलर भी हैं. हिमंता का मानना है कि इस विश्वविद्यालय परिसर के निर्माण के लिए वनों और पहाड़ियों की कटाई का ही नतीजा है कि गुवाहाटी को अचानक बाढ़ का सामना करना पड़ा. सरमा का कहना है ये सब असम के खिलाफ बाढ़ जिहाद के कारण हुआ है.

    सरमा ने इससे पहले बंगाली-मुस्लिम किसानों पर उर्वरक जिहाद का भी आरोप लगाया था. कहा था कि सब्जियां उगाने में उर्वरक के अनियंत्रित उपयोग के कारण लोगों में बीमारियां फैल रही हैं. उन्होंने राज्य में मुसलमानों पर भूमि जिहाद का आरोप लगाते हुए उन्हें जमीन की बिक्री पर अंकुश लगाने के फैसले की भी घोषणा की और कहा है कि सरकार लव जिहाद के लिए आजीवन कारावास की सजा वाला एक कानून लाएगी.यही सब कारण है कि असम में उनकी लोकप्रियता में लगातार इजाफा हो रहा है.

    योगी आदित्यनाथ हिंदुत्व के फायरब्रांड लीडर रहे हैं. पर मुख्यमंत्री बनने के बाद उनके तेवरों में थोड़ी नरमी आ गई थी. पर पिछले महीने से ही अचानक उन्होंने अपना पुराना चोला फिर से ओढ लिया है.वो फिर से उग्र हिंदुत्व की अपनी जानी पहचानी शैली में वापस आ गए हैं.हाल ही में बांग्लादेश स्थिति को लेकर उन्होंने जब-जब मुंह खोला , आग ही उगला है. अभी 2 दिन पहले ही आगरा में उन्होंने हिंदुओं से सावधान रहने की अपील की. उन्होंने कहा कि अगर बंटेंगे तो कटेंगे.बांग्लादेश वाली गलतियां यहां नहीं होनी चाहिए. एक रहेंगे तो नेक रहेंगे और सुरक्षित रहेंगे.


    योगी के कट्टर हिंदुत्व का यह रूप पिछले महीने से ही दिखने लगा था.जुलाई महीने के अंत में, राज्य सरकार ने धर्मांतरण विरोधी कानून में संशोधन के लिए एक विधेयक पेश किया, जिससे उत्तर प्रदेश गैरकानूनी धर्म परिवर्तन निषेध अधिनियम, 2021 को और अधिक सख्त बना दिया गया. यूपी विधानसभा ने 30 जुलाई को संशोधन विधेयक पारित किया, जिसमें लव जिहाद को खत्म करने के अपने इरादे को फिर से रेखांकित किया गया.

    कांवड़ यात्रा मार्ग पर सड़क किनारे विक्रेताओं और दुकानदारों को अपने प्रतिष्ठानों के बाहर अपना नाम लिखने के आदेश पर पूरे देश में उनके समर्थन और विरोध हुआ है.अयोध्या रेप केस में आरोपी के मुसलमान होने पर काफी हिंदू-मुसलमान यूपी में हुआ है. योगी ने इस मामले को खुद संज्ञान लेते हुए आरोपी का घर और प्रतिष्ठानों पर बुलडोजर कार्रवाई का एक्शन लिया.

    2024 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी को मिली शिकस्त से पार्टी ने बहुत कुछ सीखा है. कांग्रेस और इंडिया गुट की अन्य पार्टियां जिस तरह जाति को मुद्दा बनाने की कोशिश कर रही हैं लगता है कि उसी का मुकाबला करने के लिए बीजेपी ने कट्टर हिंदुत्व की राह पर उतरने का फैसला ले लिया है. इसके पहले भी जब देश में मंडल राजनीति की शुरूआत हुई तो उसका मुकाबला बीजेपी ने कमंडल से ही किया था. राजनीतिक विश्लेषक सौरभ दुबे कहते हैं कि योगी आदित्यनाथ की सफलता को देखते हुए अन्य मुख्यमंत्री जब उनकी राह के राही बनने की कोशिश कर रहे हैं तो योगी भला क्यों पीछे हटे.

    योगी आदित्यनाथ को भी हिंदू हृदय सम्राट की पदवी बरकरार रखनी है इसलिए उन्हें भी अपने पुराने रूप में आना ही फायदेमंद दिख रहा है. एक और बात यह है कि बीजेपी को यह बात समझ में आ गई है कि मुस्लिम समाज का उन्हें वोट बिल्कुल भी नहीं मिलने वाला है.हिंदुत्व का ध्रुवीकरण होने पर विपक्ष के सारे तीरों से निपटने की बीजेपी को ताकत मिल जाएगी.

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