डेस्क। हरिद्वार में कुंभ मेले के दौरान कोविड टेस्ट में हुई गड़बड़ी का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. कुंभ मेला स्वास्थ्य विभाग ने जिस मैक्स कॉरपोरेट नाम की कंपनी को एक लाख कोरोना टेस्टिंग का ठेका दिया वह कंपनी सिर्फ कागजों में ही चल रही है. फर्जी कंपनी को ठेका दिए जाने के बाद मेला प्रशासन की कार्यशैली सवालों के घेरे में आ गई है. न्यूज़ 18 की पड़ताल में सामने आया है कि कंपनी के बताए गए ठिकानों पर ऐसी कोई कंपनी मौजूद नहीं है. मामले में शासन के निर्देश पर डीएम ने जांच कमेटी बना दी है. वहीं मेला स्वास्थ्य अधिकारी ने भी अपनी ओर से जांच कमेटी बना दी है.
मेला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अर्जुन सिंह सेंगर का कहना है कि मेला स्वास्थ्य विभाग के द्वारा अन्य सभी निजी लैबों के साथ सीधे एमओयू किया गया था, लेकिन दिल्ली की लाल चंदानी लैब और हिसार की नालवा लैब के साथ थर्ड पार्टी एमओयू हुआ था. हरिद्वार के जिलाधिकारी सी रविशंकर ने बताया है कि जांच में निजी लैब के द्वारा कई स्तरों पर अनियमितता सामने आ रही है, जिसमें दूसरे राज्यों का डेटाबेस इस्तेमाल करना, एक आईडी पर कई बार टेस्ट दर्शाना और एक लैब के द्वारा इतनी भारी संख्या में कोविड टेस्ट किए जाना सवाल खड़े करता है.
जांच कमेटी अपना काम कर रही है और 10 दिनों के भीतर कमेटी अपनी रिपोर्ट देगी. गड़बड़ी पाए जाने पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी. हरिद्वार कुम्भ मेले में कोरोना टेस्ट को लेकर केंद्र सरकार सख्त हुई है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो अपराधियो के खिलाफ अपराधिक कार्रवाई होगी. केंद्र ने कहा कि राज्य सरकार ने इस मामले पर माइक्रो स्तर पर जांच की है जो लोग इस गड़बड़ी में दोषी पाए गए उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. हरिद्वार कुंभ मेले के दौरान हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं की कोरोना जांच में गड़बड़ी की बात सामने आई है.
कुंभ में फर्जी टेस्टिंग के मामले में हेल्थ मिनिस्ट्री के ज्वाइंट सेक्रेटरी लव अग्रवाल ने कहा कि पंजाब एक आदमी के पास जब टेस्टिंग का मैसेज आया तो उसने आईसीएमआर को बताया. आईसीएमआर ने ही इसकी जानकारी राज्य सरकार को दी. राज्य सरकार ने तुरंत एक्शन लिया. राज्य सरकार ने खुद ही उसकी बारीकियों में जाकर प्राथमिक जांच शुरू की. राज्य सरकार ने हरिद्वार डीएम से रिपोर्ट देने को कहा है. राज्य के हेल्थ सेक्रेटरी ने कहा है कि सात-आठ दिनों में डिटेल रिपोर्ट आ जाएगी और जो भी जिम्मेदार होगा उसके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा.
कुम्भ मेला 2021 के दौरान हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं की एक प्राइवेट लैब द्वारा की गई कोरोना जांच अब सवालों के घेरे में है. प्राइवेट लैब द्वारा फर्जी तरीके से श्रदालुओं की जांच कर कुम्भ मेले प्रशासन को लाखों रुपयों का चूना लगाने का प्रयास किया गया है. इस प्राइवेट लैब द्वारा एक ही फोन नंबर कई श्रद्धालुओं की जांच रिपोर्ट में डाला गया है.
कई जांच रिपोर्ट में एक ही आधार कार्ड का इस्तेमाल किया गया है. वहीं एक ही घर से सैकड़ों लोगों की जांच का मामला सामने आया है, जो कि असंभव सा लगता है. वहीं पंजाब के एक युवक को हरिद्वार से प्राइवेट लैब ने कोरोना की जांच रिपोर्ट भेज दी, जबकि युवक हरिद्वार कुम्भ मेले में शिरकत करने भी नहीं पहुंचा था. उक्त युवक द्वारा इस मामले की शिकायत आईसीएमआर से की गई, जिसके बाद आईसीएमआर ने जांच के निर्देश जारी किए गए थे.
कुंभ में करीब 2 लाख 51हज़ार कोरोना संक्रमण की जांच की गई है. कुम्भ मेले के दौरान करीब 24 लैब से जांच कराई गई थी. इसमे 10 प्राइवेट लैब कुम्भ मेले स्वास्थ्य विभाग द्वारा पैनलबद्ध की गई थी और 14 लैब सीएमओ हरिद्वार की तरफ से पैनलबद्ध की गई थी. अभी प्राइवेट लैब को जांच की पेमेंट नहीं की गई है और अधिकारियों का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद मामले में नियमानुसार करवाई की जाएगी.
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