- इंदौर एवं अन्य नगर निगम में की है गड़बड़ी-शहर से भिक्षुओं की संख्या कम करने के लिए शासन से आया है साढ़े 17 लाख रुपया
उज्जैन। भिखारी के पुनर्वास के लिए काम करने वाली कंपनी को शासन से मार्गदर्शन लेकर ही काम दिया जाएगा, क्योंकि इस कंपनी ने इंदौर एवं अन्य शहरों में इस काम में गड़बड़ी की है और विवादित रही है। केंद्र सरकार के बजट से इंदौर एवं उज्जैन तथा अन्य शहरों में भिखारी के पुनर्वास के लिए एक संस्था को काम दिया गया। इस संस्था को रुपाली जैन नाम की महिला संचालित करती है।
इंदौर में इस प्रोजेक्ट के तहत शिवकुटी पुनर्वास केंद्र बनाया गया और यहाँ नगर निगम से फर्जी बिल पास करने के मामले में यहाँ काफी विवाद हुआ और अपर आयुक्त तथा भुगतान पर साइन नहीं करने के चक्कर में निगम आयुक्त तक से विवाद किया गया था जिसकी शिकायत अब हुई है। इसी कंपनी को उज्जैन में भी भिखारी के पुनर्वास का काम मिला है। जब इस संबंध में नगर निगम के अधिकारी से बातचीत की गई तो उनका कहना था कि फिलहाल बजट आ गया है लेकिन अभी तक काम शुरू नहीं किया है और इंदौर तथा अन्य शहरों में कंपनी ने इस प्रकार की घटना की है तो बिना शासन के मार्गदर्शन के कंपनी को काम नहीं दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि पूरे शहर में भिखारी की संख्या लगातार बढ़ रही है और बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को परेशान करते हैं और भीख नहीं देने पर अभद्रता भी करते हैं। ऐसे सभी अधिकारियों का पुनर्वास इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत करना है लेकिन भिखारी के पैसे में भी घपला करने वाली सामाजिक संस्था को उज्जैन में कैसे काम मिल सकता है, अधिकारी इस मामले में राज्य शासन से मार्गदर्शन लेंगे उसके बाद ही इन्हें वर्क आर्डर जारी किया जाएगा।
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