नई दिल्ली । केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान अलग-अलग कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बेचकर 2.10 लाख करोड़ रुपये जुटाने का बड़ा लक्ष्य रखा है. लेकिन अब इस लक्ष्य तक पहुंचना मुश्किल लग रहा है. हिस्सेदारी बिक्री कंपनियों की लिस्ट में एयर इंडिया, एलआईसी और BPCL शामिल हैं.
दरअसल केंद्र सरकार ने पिछले वित्त-वर्ष में ही BPCL, BEML, कंटेनर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (कॉनकॉर) और शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SCI) में रणनीतिक हिस्सेदारी बेचने के प्रस्ताव को मंजूरी दे चुकी है. इस वित्त वर्ष में कोरोना संकट की वजह से विनिवेश की रफ्तार थोड़ी धीमी पड़ गई थी.
BPCL के लिए मिली हैं तीन बोलियां
सरकार को इसी महीने देश की दूसरी सबसे बड़ी तेल कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉर्प लिमिटेड (BPCL) के लिए तीन बोलियां मिली हैं. सरकार BPCL में अपनी 52.98 फीसदी हिस्सेदारी बेच रही है. इसे खरीदने की दौड़ में माइनिंग क्षेत्र की दिग्गज कंपनी वेदांता के अलावा अमेरिका की दो प्राइवेट इक्विटी इनवेस्टर्स फर्म अपोलो ग्लोबल मैनेजमेंट और आई स्कावयर्ड कैपिटल की इकाई थिंक गैस शामिल है.
इसी हफ्ते बोलियां आमंत्रित
वहीं अब सरकार एक और सरकारी कंपनी शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SCI) के निजीकरण के लिए इसी हफ्ते बोली आमंत्रित कर सकती है. इसमें रूचि रखने वाले खरीदारों के लिए रूचि पत्र जमा करने की समयसीमा फरवरी मध्य तक होगी. BPCL की तरह ही यह सरकारी कंपनी भी कोरोना संकट में जबर्दस्त मुनाफे में रही थी.
कमाई में तोड़ा 54 तिमाही का रिकॉर्ड
कोरोना संकट के दौरान देश में आर्थिक गतिविधियां थम गई थीं, लेकिन उस दौरान इस कंपनी ने शानदार कमाई की. वित्त-वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में SCI को रिकॉर्ड 317 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था. जो कि पिछले 54 तिमाही (करीब साढ़े 13 साल) के मुकाबले सबसे ज्यादा था. जबकि मौजूदा वित्त-वर्ष की दूसरी तिमाही में कंपनी को 141.89 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ.
बोलियां जमा कराने के लिए 15 फरवरी तक वक्त
सरकार प्रबंधन नियंत्रण के साथ शिपिंग कॉरपोरेशन में अपनी पूरी 63.75 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है. पीटीआई के मुताबिक इसी हफ्ते प्रारंभिक सूचना ज्ञापन (पीआईएम) जारी किया जाएगा, और खरीदारों को बोलियां जमा कराने के लिए 15 फरवरी तक वक्त होगा.
पिछले साल ही SCI को बेचने पर लगी थी मुहर
शिपिंग कॉरपोरेशन का शेयर शुक्रवार को बीएसई में 3.33 फीसदी की बढ़त के साथ 86.55 पर बंद हुआ. मौजूदा बाजार भाव पर सरकार की शिपिंग कॉरपोरेशन में हिस्सेदारी मूल्य 2,500 करोड़ रुपये बैठता है. मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) ने पिछले साल नवंबर में शिपिंग कॉरपोरेशन में विनिवेश को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी थी.
1961 को हुई थी कंपनी की स्थापना
भारतीय नौवहन निगम लिमिटेड (SCI) की स्थापना 2 अक्टूबर 1961 को हुई थी. 18 सितंबर 1992 को कंपनी का दर्जा ‘प्राइवेट लिमिटेड’ से बदलकर ‘पब्लिक लिमिटेड’ कर दिया गया. कंपनी को भारत सरकार ने 24 फरवरी 2000 को ‘मिनी रत्न’ का खिताब दिया था. गौरतलब है कि केवल 19 जहाजों को लेकर एक लाइनर शिपिंग कंपनी की शुरुआत हुई थी और आज एससीआई के पास डीडब्ल्यूटी के 83 से ज्यादा जहाज हैं. कंपनी के पास टैंकर, बल्क कैरियर, लाइनर और ऑफशोर आपूर्ति उपलब्ध है.
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