एक दर्जन से अधिक व्यापारिक प्रतिनिधि मंडल, रहवासियों सहित सराफा एसोसिएशन का भी है विरोध, दिए गए सुझावों के बावजूद व्यवस्था में अधिक परिवर्तन नहीं मिला
इंदौर। सराफा चौपाटी (Sarafa Chowpatty) का संचालन वैसे ही चलने दिया जाए या उसे और कहीं शिफ्ट (Shift) करें। इसको लेकर महापौर ने पिछले दिनों एक समिति गठित की, जिसमें महापौर (Mayor) परिषद् सदस्यों और क्षेत्रीय पार्षद को शामिल किया गया। समिति ने सराफा चौपाटी का दो बार निरीक्षण भी किया और रहवासियों, व्यापारिक संगठनों सहित अन्य से चर्चा भी की। आज 3 बजे समिति की बैठक होगी।
सूत्रों का कहना है कि समिति तो सराफा चौपाटी शिफ्ट करने के पक्ष में ही है, क्योंकि अत्यधिक संकरे क्षेत्र में आगजनी या अन्य किसी दुर्घटनाओं को रोकने के उपाय संभव नहीं हैं और पिछले दिनों निरीक्षण के बाद भी जो निर्देश दिए गए उसके मुताबिक भी सराफा चौपाटी में अधिक बदलाव नजर नहीं आया। एक दर्जन से अधिक सराफा चौपाटी के आसपास व्यापारिक संगठनों और रहवासियों के साथ-साथ सोना-चांदी व्यापारी एसोसिएशन ने भी स्पष्ट रूप से सराफा चौपाटी शिफ्ट करने की मांग की है। सभी का कहना है कि सराफा चौपाटी के कारण पूरे क्षेत्र में अव्यवस्था निर्मित हो गई है और ज्वालामुखी के मुहाने पर सभी व्यापारी-रहवासी और क्षेत्र बैठा है। अगर कोई दुर्घटना हो जाती है तो फायर ब्रिगेड से लेकर एम्बूलेंस भी मौके पर नहीं पहुंच सकती। पिछले दिनों महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने इसके संचालन के संबंध में समिति का गठन किया, जिसके अध्यक्ष एमआईसी सदस्य राजेन्द्र राठौर बनाए गए और अन्य सदस्यों में अश्विनी शुक्ला, नीरंजनसिंह चौहान, राकेश जैन, नंदकिशोर पहाडिय़ा, पार्षद श्रीमती मीता रामबाबू राठौर को शामिल किया गया। अभी एक दिन पहले भी समिति ने सराफा चौपाटी पर रात का अवलोकन किया तो उन्हें अधिक सुधार मौके पर नजर नहीं आया। यहां तक कि कई दुकानदारों द्वारा घरेलू गैस सिलेंडरों का इस्तेमाल किया जा रहा है, तो अन्य व्यवस्थाएं भी बेहतर नहीं की गई। हालांकि व्यापारियों ने भी समिति से मांग की कि उन्हें 56 दुकान की तरह व्यवस्थित जगह दी जाए तो वे शिफ्ट होने को तैयार हैं।
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