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आयुक्त ने भाजपा को दिखाया ठेंगा कांग्रेस को बताया मक्खी-मच्छर

July 09, 2022

  • नगरीय निकाय चुनाव में अव्यवस्था पर भाजपा ने आयुक्त को घेरा

भोपाल। प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव के पहले चरण में हजारों मतदाताओं के मतदान से वंचित रहने पर राज्य निर्वाचन आयोग को भाजपा ने निशाने पर लिया है। पहले चरण के मतदान के बाद से भाजपा रोजाना आयोग के सामने किसी न किसी मामले को लेकर पहुंच रही है। पहले चरण के चुनाव में फैली अवव्यवस्था पर चुनाव आयुक्त बीपी सिंह ने भाजपा को ठेंगा दिखा दिया है। आयोग ने शिकायत लेकर पहुंच रहे भाजपा नेताओं से दो टूक कह दिया है कि सरकार आपकी ही है, ज्यादा शिकायत करोगे आपके ही ऊपर आएगा। साथ ही उन्होंने कांग्रेस को मच्छर-मक्खी बता दिया है। आयोग ने कहा कि विपक्ष की ओर से मच्छर -मक्खी भी कागज लेकर आएगा उस पर विचार किया जाएगा।
नगरीय निकाय चुनाव के पहले चरण के मतदान के बाद भाजपा पूरी तरह से बैकपुट पर है। भाजपा जितनी भी शिकायतें लेकर पहुंच रही है, उनके जरिए भाजपा सिर्फ चुनाव आयोग पर दबाव बनाने की कोशिश कर रही है, लेकिन राज्य निर्वाचन आयुक्त बीपी सिंह ने भी भाजपा नेताओं को दो टूक समझा दिया है कि प्रदेश में सरकार आपकी की है, जितना शिकायत करोगे, आपके ऊपर ही आएगा। हालांकि भाजपा नेताओं से चर्चा के दौरान बीपी सिंह ने इशारों-इशारों में कहा कि कुछ बातें यहां नहीं बोल सकते। बाद में चर्चा करेंगे। बीपी सिंह के सख्त तेवरों की वजह से भाजपा में हलचल मची है। नगरीय निकाय चुनाव के दूसरे चरण में भाजपा अब आयोग की व्यवस्थाओं के हिसाब से अपनी तैयारियां कर रही है।

निशाने पर सरकार के चहेते कलेक्टर
भाजपा की ओर से राज्य निर्वाचन आयोग में लगातार की जा रही शिकायतें और आयोग की कार्यप्रणाली पर उठाए जाने से भी आयोग खफा है। यही वजह है कि भाजपा नेताओं ने जब मतदाता पर्ची बांटने और मतदाताओं के नाम इधर-उधर करने आरोप आयोग के सिर मढऩा शुरू किया तो आयोग ने सारा ठीकरा कलेक्टरों पर फोड़ दिया। इंदौर और भोपाल के कलेक्टर को चुनाव आयोग के निशाने पर है। भाजपा नेताओं से चुनाव आयुक्त ने कहा कि इंदौर कलेक्टर ने लोग मांगे तो दूसरे जिलों से भेज दिए। भोपाल कलेक्टर चुनाव कराने को लेकर पूरी तरह से कांफिडेंस थे। मामले में कलेक्टरों से रिपोर्ट मांगी गई है।


चुनाव चरण आगे बढ़ाने की मांग ठुकराई
नगरीय निकाय का दूसरा चरण 13 जुलाई को है। इसी दिन गुुरूपूर्णिमा है। भाजपा ने इसी आधार पर दूसरा चरण आगे बढ़ाने की मांग की। जिसके आयुक्त बीपी सिंह ने यह कहकर ठुकरा दिया कि हिंदू धर्म में गुरु मन में होता है। जबकि राष्ट्रपति चुनाव का सवाल तार्कित है। इसलिए मतगणना की तिथि बदली जा सकती है।

कमलनाथ सरकार में बने से चुनाव आयुक्त
मप्र राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त बीपी सिंह कमलनाथ सरकार के समय चुनाव आयुक्त बने थे। इससे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मुख्य सचिव थे। बाद में जब कमलनाथ सरकार आई तो कमलनाथ ने उन्हें तत्काल नहीं हटाया। जब वे मुख्य सचिव पद से रिटायर्ड हुए तो उन्हें मप्र का चुनाव आयुक्त बनाकर ुपुनर्वास कर दिया। बीपी सिंह के लिए कमलनाथ सरकार ने पूर्व मुख्य सचिव आर परशुराम को चुनाव आयुक्त के पद से हटाकर महानिदेशक सुशासन संस्थान बनाया था। फिर शिवराज सरकार आई तो आर परशुराम को सुशासन संस्थान से चलता कर दिया गया।

 

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